सूरजपुर: लम्पी रोग के फैलाव को नियंत्रित करने हेतु कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देश एवं पशुधन विकास विभाग उपसंचालक डॉ. नरेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में जिले के सीमावर्ती गांवों अवन्तिकापुर, उमापुर, सपहा, नवाटोला चेक पोस्ट (अर्न्तराज्यीय) आदि में सघन टीकाकरण, पशु स्वास्थ्य जांच एवं जागरूकता शिविर का आयोजन 22 सितम्बर 2022 दिन गुरुवार को किया गया। शिविर में 77 पशुओं को एल.एस.डी. के रोकथाम हेतु गोट पॉक्स वैक्सीन का टीकाकरण किया गया। साथ ही बड़ी संख्या में उपस्थित पशु पालकों को मिनरल मिक्चर के साथ कृमिनाशक, दर्द, बुखार एवं डायरिया आदि के रोकथाम के लिए दवाईयों का वितरण किया गया।

शिविर में तेजी से फैलने वाली इस वायरल बीमारी के बारे में जानकारी दी गई। शिविर में मौजुद सभी पशुपालकों को जैवसुरक्षा के उपाय जैसे बाहरी जानवरों के आने पर प्रतिबंध, मक्खी, मच्छर आदि बाहरी परजीवियों के नियंत्रण हेतु साफ-सफाई, कीटनाशक दवाईयों का उचित प्रयोग के साथ अन्य उपायों जैसे कि बीमारियों से लडने हेतु प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु खनिज मिश्रण का उपयोग, चुने एवं फिटकरी का उचित उपयोग, 1 प्रतिशत् फार्मेलिन या ब्लीचिंग पाउडर (2-3 प्रतिशत) जीवाणु नाशक स्प्रे का प्रयोग आदि सुझाव दिया गया। इसके साथ ही पशु बाड़ों में इस रोग को फैलाने में सहयोगी मक्खी, मच्छर, चिचड़ आदि न पनपे इसके लिए पानी व गंदगी का जमाव न होने देने पर भी जोर दिया गया।

शिविर का आयोजन डॉ. के.एम. यादव, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, पशु चिकित्सालय बिहारपुर, विकासखण्ड़ ओड़गी, डॉ. सन्तु कुमार गुप्ता, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र सूरजपुर एवं डॉ. आशुतोष चौबे, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, चल विरुजालय सूरजपुर के सहयोग से किया गया। डॉ. आशुतोष चौबे ने पशुपालकों को बताया कि लम्पी रोग संक्रमित पशु से स्वस्थ पशुओं में फैलता है। अतः जरूरी है कि इस रोग से बचाने हेतु परजीवियों पर नियंत्रण करे एवं स्वस्थ पशुओं को संक्रमित से अलग रखे साथ ही अन्य उपाय जैसे कि मच्छरदानी व दवाइयों का उपयोग, सुबह शाम पंखों का उपयोग करें। पशुओं में यदि लम्पी रोग के लक्षण जैसे – तेज बुखार, आँख नाक से पानी आना, शरीर में विशेष प्रकार की गाठे बनना आदि दिखाई दे तो उस पशु को जल्द से जल्द अलग कर तुरन्त चिकित्सीय सलाह ले।

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