बलरामपुर: हिन्दी दिवस के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में कस्तूरबा बालिका छात्रावास रामानुजगंज में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेशमा बैरागी की मुख्य आतिथ्य में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेशमा बैरागी ने उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी के द्वारा सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोया गया है। हिन्दी भाषा अनेकता में एकता स्थापित करने का सूत्रधार है। उन्होंने छात्राओं को बताया कि संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को सर्व सहमति से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही देश की राष्ट्र भाषा होगी। संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार संघ की राज्य भाषा देवनागरी लिपि में हिन्दी होगी, साथ ही पहला हिन्दी दिवस 14 सितम्बर 1953 को मनाया गया था, तब से भारत में 14 सितम्बर को प्रत्येक वर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन अत्यंत आवश्यक है, अनुशासन के आधार पर ही छात्र अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने विधिक सहायता व सलाह के बारे में बताते हुए कहा कि संविधान में निःशुल्क विधिक सहायता का प्रावधान दिया गया है, साथ ही लोक अदालत निःशुल्क विधिक सहायता देने का काम करता है। उन्होंने बताया कि नालसा के द्वारा निःशुल्क हेल्प लाईन नम्बर 15100, पॉक्सो एक्ट, गुड टच-बैड टच, टोनही प्रताड़ना अधिनियम, बाल श्रम, बाल विवाह की जानकारी देते हुए, विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक बताया।