मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को पीएमओ कार्यालय से भेजा गया पत्र
अंबिकापुर/सूरजपुर।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड सूरजपुर के द्वारा जल जीवन मिशन योजना में करोड़ों रुपए का गोलमाल करने एवं फर्जी दस्तावेज तैयार का शासकीय राशि का गबन करने के संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु डॉ. डी.के. सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा 22 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष दस्तावेजों सहित शिकायत प्रस्तुत किया गया था। जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड सूरजपुर विभाग को कार्यालय जल जीवन मिशन संचालक जल जीवन मिशन नीर भवन रायपुर से 18 फ़रवरी 2021 से 7 जुलाई 2023 तक सूरजपुर जिले में जल जीवन मिशन के लिए कार्य हेतु 18263.4828 करोड रुपए आबंटित किए गए मिशन संचालक रायपुर के द्वारा जो आबंटन आदेश जारी किया गया जिसमें आबंटन आदेश क्रमांक एवं दिनांक, केन्द्रांश, राज्यांश, कुल राशि का उल्लेख है।
लोग स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड सूरजपुर के द्वारा जितनी राशि आबंटन जारी किया गया उतनी राशि का कार्य आज दिनांक नहीं कराया गया सिर्फ कार्यों में लीपा पोती का छोड़ दिया गया है जबकि जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचने की योजना शासन की है तथा उक्त कार्य के कार्यान्वयन हेतु प्रचालन दिशा निर्देश के अध्याय 7 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार ही व्यय करना है लेकिन कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिक की खंड सूरजपुर प्रदीप खलखो के द्वारा उक्त नियमों को दर किनार करते हुए गलत तरीके से व्यय किया गया है साथ ही साथ दिशा निर्देश के अध्याय 3 के कंडिका 3.5 के उप कंडिका xxxviii के बिंदु ‘छ’, ‘ज’ एवं ‘झ’ में उल्लेखित प्रावधान का भी दुरुपयोग किया गया है तथा उसका पालन नहीं किया गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड सूरजपुर के कार्यपालन अभियंता प्रदीप खलखो के द्वारा जल जीवन मिशन के तहत कराया गया कार्यों का भुगतान हेतु जल जीवन मिशन के मार्गदर्शिका के कंडिका 7.9 के अनुसार जिला एवं जल स्वच्छता मिशन से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है लेकिन बिना किसी अनुमति प्राप्त किए जल जीवन मिशन के तहत कराए गए कार्यों का भुगतान गलत तरीके से किया गया है।
जल जीवन मिशन योजना के कवरेज मद अंतर्गत सदस्य, सचिव एवं कार्यपालन अभियंता को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड सुरजपुर कार्यालय स्तर पर की गई क्रय के भुगतान को प्रतिबंधित किया गया है लेकिन उसके बाद भी उक्त नियमों को दरकिनार करते हुए राशि का भुगतान कार्यपालन अभियंता के द्वारा किया गया है। कार्यालय मिशन संचालक के पत्र क्रमांक 2174/मि.स./जल.जी.मि./वित्त/जेजेएम-09/2023-24 रायपुर 29 मई 2023 के तहत निर्देश जारी कर उसका भी पालन करने का निर्देश वित्तीय भुगतान के संबंध में दिया गया है लेकिन उक्त निर्देशो का भी अवहेलना प्रदीप खालखो कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में सूरजपुर जिले में जितने भी जल जीवन मिशन के तहत कार्य हुए हैं कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है सभी कार्यों को अधूरा कर छोड़ा गया है जबकि कार्यों की राशि का भुगतान पूर्ण कर लिया गया है जल जीवन मिशन के कार्य पूर्ण न होने से हर घर जल पहुंचाने की योजना असफल दिख रहा है तथा जितने कार्य कराए गए हैं वह भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं साथ ही साथ जिस क्वांटिटी एवं क्वालिटी में नल जल योजना में सामग्री लगती थी वह नहीं लगाया जा रहा है तथा घटिया स्तर का पाइप एवं अन्य सामग्री लगाई जा रही है और सभी कार्य पूर्ण भी नहीं हुआ इससे पहले ही कराए गए कार्य क्षतिग्रस्त हो रहे हैं जो की शासकीय राशि का अपव्यय है। प्रदीप खलखो कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सूरजपुर के द्वारा जो भी कार्य कराए गए हैं वह सभी आधे अधूरे किए गए हैं जिसमें वर्क आर्डर भी अलग-अलग जारी किए गए हैं जिसमें पाइप बिछाने का काम अलग व्यक्ति को, पानी टंकी बनाने का काम अलग व्यक्ति को, बोर उत्खनन का काम अलग व्यक्ति को, नल का स्ट्रक्चर खड़ा करने का काम अलग व्यक्ति को जारी किया गया जिससे सभी लोग अपने-अपने हिसाब से कम कर रहे हैं जिससे नल जल योजना का काम सही तरीके से नहीं हो पा रहा है टंकी कही बन रहा है तो बोर का उत्खनन कहीं दूसरे जगह हो रहा है पाइपलाइन सही तरीके से नहीं बिछाई जा रही जिसके कारण जल जीवन योजना का काम की स्थिति काफी खराब है जिसमें करोड़ों रुपए के शासकीय राशि का अपव्यय प्रदीप खलखो कार्यपालन अभियंता के द्वारा मोटी कमीशन के चलते किया जा रहा है।सूरजपुर जिले में जल जीवन मिशन के तहत किए गए गोलमाल एवं भ्रष्टाचार के संबंध में डॉ. डी.के. सोनी अधिवक्ता के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज प्राप्त कर उक्त दस्तावेजों के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की गई थी जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली के द्वारा पत्र क्रमांक पीएमओ पीजी/डी/2014/0157297, 30 जुलाई 2024 को मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को पत्र भेजते हुए संबंधित शिकायत के जांच करने हेतु निर्देशित किया गया है अब देखना यह है कि उक्त मामले में छत्तीसगढ़ सरकार कितनी गंभीरता से जांच कर रही है।