आशीष कुमार गुप्ता
बतौली / सेदम: सरगुजा जिले के विकासखंड बतौली से ग्राम पंचायत करदना को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क में बनी पाइप पुलिया तेज बारिश में पूरा आधा हिस्सा ढह गई है पाईप पुलिया का तत्काल मरमत नही किया गया तो चार पांच गांव का संपर्क बतौली से टूटने कगार में है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बतौली जुनापारा से ग्राम करदना तक बनी 9किलो मीटर तक प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण वर्ष 2007-08 में किया गया था जिसमे प्राथमिक शाला कोरकोटढाब के समीप पाईप पुलिया को पूर्व में ग्राम पंचायत के द्वारा बनाया गया था जिसका वर्ष 2018 में नवीनीकरण के तहत डामरीकरण भी किया था जो लोक निर्माण विभाग के द्वारा सड़क निर्माण हेतु भारी सामग्री लोड कर इन्ही सड़क पुलिया से ढोया गया जिससे पूर्व से क्षतिग्रस्त पाईप पुलिया तेज बारिश के वजह से आधा पुलिया ढह कर बह गया है जिससे यह मार्ग एकांगी होने से चार पांच गांव के ग्रामीण जन इसी प्रधानमंत्री सड़क में आना जाना करते है। अब जब तेज बारिश से पाईप पुलिया का आधा हिस्सा ढह कर क्षतिग्रस्त हो गया है तो ग्रामीण जनों को बतौली मुख्यालय , बच्चों को स्कूल,खेती बाड़ी करने किसान को अपने वाहन ले जाने तथा गांवों में राशन कैसे पहुंचेगा लोगों के लिए मजबूर होकर क्षतिग्रस्त पुलिया में जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ेगा जो लोगों के लिए हर वक्त यह बतौली पहुंच मार्ग से खतरा मंडराते रहेगा । जबकि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद पांच वर्ष की संधारण अवधी भी समाप्त हो चुकी है इसी बीते गर्मी में प्रधानमन्त्री सड़क का डामरीकरण भी हुआ था अब ऐसी अवस्था में ग्रामीण जनों के लिए दुविधा उत्पन्न हो गई है कि अब सड़क में बने इस पाईप पुलिया का मरमत कैसे होगा जब गांव के सरपंच को जनकारी होते हुए मामले का संज्ञान अब तक नहीं लिया गया है।
ग्राम करदना के ग्रामीण जनों ने बताया कि इसी मार्ग से 28/30 टन वजन गिट्टी,बालू और अन्य सामग्री से भरे भारी वाहन कंदनई मार्ग में बने 4 किलो मीटर सड़क बनाने ले जाया गया था जिसकी ढुलाई पूरे तीन महीने तक की गई थी जिससे सड़क सहित कोरकोट ढाब के पाईप पुलिया सहित इसी मार्ग का अन्य पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे ठेकेदार द्वारा मरमत नहीं किया गया जिसके परिणाम स्वरूप आज पुलिया आधा बह कर क्षतिग्रस्त हो गया है।
प्रधानमन्त्री सड़क निर्माण के अधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए लोक निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त पुलिया को निर्माण और मरम्मत कराने पत्र दो बार प्रेषित किया गया था फिर भी अब तक लोक निर्माण विभाग द्वारा मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया जिसके परिणाम स्वरूप यह पुलिया क्षतिग्रस्त हो गया