रायपुर: जापान में होने वाले अंडर-18 एशिया कप सॉफ्ट बॉल मैच में भारत के टीम में छत्तीसगढ़ से चार खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जिनमे बीजापुर के तीन खिलाड़ी शामिल हैं। बीजापुर के राकेश, सुशील और त्रिलेश के एशिया कप में चयन होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खेल मंत्री उमेश पटेल ने बधाई और शुभकामनाएं दी है। राकेश कड़ती मूलरूप से बीजापुर के सुदूर इलाके आवापल्ली के रहने वाले हैं, इसके साथ ही सुशील कुड़ियम पिंडुमपाल भैरमगढ़ के अंदरूनी इलाके से हैं। त्रिलेश उद्दे मंगापेटा कुटरू के रहने वाले हैं। गौरतलब है कि जापान के कोची शहर में अंडर-18 अंतर्राष्ट्रीय सॉफ्ट बाल एशिया कप 23 से 26 जून 2023 तक आयोजन किया जाएगा।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से प्रतिभाओं की कमी नहीं-
सॉफ्ट बॉल खिलाड़ी राकेश कड़ती के पिता को बचपन में नक्सलियों द्वारा मार दिया गया था और मां का देहांत भी हो गया 4 साल के उम्र में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा बीजापुर में संचालित (टुमारो फाउंडेशन) बाल गृह के सुपुर्द कर दिया था। जहां उन्होने रहकर पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल में अपनी प्रतिभा को निखारा। राकेश कड़ती ने बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी में सॉफ्ट बाल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अब तक 8 नेशनल गेम खेल चुके हैं, जिसमें 5 अलग-अलग मेडल हासिल की है। राकेश कक्षा 9वीं में शासकीय विद्यालय बीजापुर में पढ़ाई कर रहा है और वह पढ़-लिखकर सॉफ्ट बाल का कोच बनना चाहता है।
सुशील कुड़ियम ने भी 5 नेशनल गेम खेले हैं, जो भैरमगढ़ के अंदरूनी क्षेत्र से हैं। पिता के न होने पर भी मां ने हिम्मत नहीं हारी, बच्चे को पालन-पोषण करती रही आज बेटा का जिले और प्रदेश में नाम ऊंचा उठता देख मां भी खुश है। सुशील का सपना है कि वह अच्छा प्रशिक्षण लेकर न केवल जिले, प्रदेश बल्कि देश के लिए वह खेलने जा रहा है। त्रिलेश सॉफ्ट बाल खेल का सीनियर खिलाड़ी है और अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा में वनरक्षक के पद पर पदस्थ है। त्रिलेश बीजापुर के अंदरूनी इलाकों में जाकर बच्चों को बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी के संबंध में बताते और साथ ही उन्हे खेल के आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।