आशीष कुमार गुप्ता
बतौली/सेदम: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के बतौली में एक विचित्र मामला सामने आया है जिसमें पीड़ित गरीब परिवार द्वारा जनदर्शन कार्यक्रम में कलेक्टर कुंदन कुमार से निजी भूमि में बन रहे प्रधानमंत्री आवास में पिछले तीन महीने से लगे स्टे को हटवाने हेतु आवेदन दिया गया है ।
पीड़ित व्यक्ति बलदेव के पुत्र रविशंकर द्वारा लगातार जनदर्शन में आवेदन के माध्यम से निजी भूमि में बन रहे प्रधानमंत्री आवास में लगे स्टे को हटाने हेतु गुहार लगाई जा रही है लेकिन अबतक कोई पहल नहीं की गई है और आश्वासन मिलने के कारण पिछले तीन महीने से एक लाख तीस हजार के प्रधानमंत्री आवास में लगे सेंट्रिंग प्लेट का किराया ही एक लाख रुपये हो गया है ।
जिससे सदमे मे गरीब परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट गया जब न्याय की आस मे पिछले तीन महीने से न्यायालिन प्रक्रिया की आस में बैठे 24 मई 2023 को लिंक कोर्ट की सुनवाई में अनुविभागिये अधिकारी द्वारा बिना सुनवाई के पेशी तारीख 1 महीने बढ़ाकर 26 जून 2023 कर दी गई जिससे बलदेव नामदेव की मानसिक स्थिति खराब होने लगी और 26 मई 2023 को लकवा मार दिया जिसके कारण आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बतौली में ईलाज के दौरान बलदेव नामदेव की मृत्यु हो गयी जिससे इस गरीब परिवार का रो रो कर बुरा हाल है
यह है मामला
मृतक बलदेव नामदेव का ग्राम पंचायत चिपरकाया मे अपने दो भाइयो के साथ भूमि का शामिल खाता है जिसका बटवारा नही हुआ है उसी भूमि के एक हिस्से मे कच्चा मकान बनाकर 22 वर्षों से ग्राम पंचायत चिपर काया में निवास कर रहे हैं जहा बलदेव के पुत्र रविशंकर के नाम प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मिली और मकान टॉप लेबल के बाद ढलाई हेतु सेंट्रिंग प्लेट लगाया गया तो स्वर्गीय ज्ञान चंद्र की पत्नी अहिल्याबाई द्वारा प्रधानमंत्री आवास पर स्टे लगा दिया गया और बलदेव नामदेव से कहा गया कि एक घर को मेरे को दे दो तब मैं अपना आवेदन वापस लूंगी और यह मामला न्यायालय में प्रक्रियाधीन है न्यायालय की धीमी प्रक्रिया के कारण आज पीड़ित व्यक्ति की मानसिक तनाव ने जान ले लिया।
अब सवाल यह उठता है कि आपसी भूमि लड़ाई में भी राजस्व विभाग द्वारा मामला लटका कर रखा जाता है जिससे लोगों को कोर्ट के चक्कर कई महीनों तक लगाते देखा जा सकता है आज ऐसी स्थिति है कि तहसील कार्यालय से लेकर लिंक कोर्ट तक भूमि संबंधित कितने ही ऐसे मामले हैं जो न्याय लीन प्रक्रिया के असमंजस में फंसे हुए हैं