रायपुर। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों की जब आधारशिला रखेंगे तो यह देश में बुनियादी ढांचे के विस्तार की दिशा में एक और कदम भर नहीं होगा, बल्कि यह विकास के साथ-साथ वन्य जीवों की सुरक्षा और उनके ठिकानों का ध्यान रखने का भी एक और उदाहरण होगा।

पीएम को छह लेन के ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम कारिडोर के छत्तीसगढ़ वाले हिस्से की आधारशिला रखनी है, जिसके तहत राज्य में तीन नेशनल हाईवे परियोजनाओं पर काम होना है।

इन हाईवे परियोजनाओं की खासियत उनकी गुणवत्ता तो है ही, बल्कि यह भी है कि इनके तहत वनक्षेत्र उदंती वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में छह लेन की 2.8 किलोमीटर लंबी एक टनल भी बनाई जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य ही वाहनों के आवागमन से वन्य जीवों को बचाना है ताकि उनके जीवन में कोई खलल न पड़े। इतना ही नहीं, 27 वन्य जीव पास और बंदरों की सुरक्षा के लिए 17 कैनोपी का भी निर्माण किया जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण रहा है कि राजमार्गों के विकास के क्रम में वन्य जीवों के जीवन में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। इसी सोच के तहत कोशिश इसी बात की जा रही है कि उन पर पड़ने वाले प्रभाव कोन्यूनतम किया जा सके। न तो उनकी सुरक्षा पर कोई आंच आनी चाहिए और न ही उनके मुक्त आवागमन पर कोई प्रतिबंध लगने की स्थिति उत्पन्न होने दी जाएगी।

पीएम के इस पहलू पर विशेष तौर पर जोर देने के कारण ही हाल के वर्षों में हाईवे और एक्सप्रेस-वे के निर्माण में वन्यजीवों के सुरक्षित आवागमन के लिए विशेष ढांचों के निर्माण का सिलसिला तेज हुआ है। उदाहरण के लिए दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कारिडोर में एशिया का सबसे लंबा वाइल्डलाइफ एलिवेटेड कारिडोर बनाया जा रहा है। यह कारिडोर 12 किलोमीटर लंबा होगा।

पीएम ने दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कारिडोर की आधारशिला दिसंबर 2021 में रखी थी। कुछ इसी तरह की पहल अनेक अन्य राजमार्गों और एक्सप्रेव के निर्माण की परियोजनाओं में की गई है। इनमें हरिद्वार-देहरादून सेक्शन(एनएच 58) में हाथियों के लिए दो अंडरपास तथा 731 दूसरे स्ट्रक्चर शामिल हैं।

इसी तरह गणेशपुर-देहरादून हाईवे में भी चार अंडरपास और 300 मीटर लंबी सुरंग और 11.6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कारिडोर बनाया गया है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को जोड़ने वाले एक अन्य हाईवे (एनएच-7) में 1400 मीटर लंबा एलिवेटेड कारिडोर तथा 14 अंडरपास बनाए गए हैं, जो वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले हैं।

एक अन्य उदाहरण राजस्थान में दिल्ली-वडोडरा एक्सप्रेस-वे का भी है। इसमें 2.7 किलोमीटर का एलिवेटेड कारिडोर, पांच एनिमल अंडरपास, 3.9 किमी का कट कवर, 700 मीटर लंबा ब्रिजऔर लगभग पांच किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि इस एक्सप्रेस-वे से प्रभावित होने वाले वन्यजीवों को कोई असुविधा न हो।

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