सूरजपुर: आंध्रप्रदेश में बंधक बनाकर रखे गए 14 श्रमिकों को सूरजपुर पुलिस व प्रशासन ने मुक्त कराया है। सभी मजदूरों के सकुशल घर पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है। दिनांक 05 जुलाई 2022 को ग्राम सलका उमेश्वरपुर निवासी लालसाय पिता माझी ने लिखित आवेदन दिया कि आंध्रप्रदेश में 14 लड़कों को श्रमिक के रूप में काम करने ठेकेदार नरबदिया पति संतोष निवासी बांगों के द्वारा ले जाकर आंध्रप्रदेश में बंधुआ मजदूर बनाकर कार्य कराया जा रहा है। मामले की सूचना से पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू को अवगत कराए जाने पर उन्होंने चौकी उमेश्वरपुर की पुलिस व श्रम विभाग की संयुक्त टीम को आंध्रप्रदेश जाकर रेस्क्यू कर सभी मजदूरों को सकुशल घर वापसी कराने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी व जिला श्रम अधिकारी धनश्याम पाणिग्रही के मार्गदर्शन में पुलिस व श्रम विभाग की संयुक्त टीम खोजबीन और जांच पड़ताल करते हुए ग्राम होलामुण्डा, थाना होलामुण्डा, जिला करनुल आंध्रप्रदेश पहुंची और ठेकेदार के चंगुल से 14 श्रमिकों को सकुशल घर वापसी कराया है जिसमें से 7 बाल श्रमिकों थे जिन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष काउसलिंग कराकर परिजनों को समिति द्वारा सुपुर्द किया गया। तत्परतापूर्वक किए गए इस रेस्क्यू के लिए मजदूरों एवं उनके परिजनों ने सूरजपुर पुलिस व प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी उमेश्वरपुर देवनाथ चौधरी, एएसआई विराट विशी, प्रधान आरक्षक विनोद सिंह, रविशंकर किण्डो, आरक्षक बालिक राम, निशांत टोप्पो, युवराज सिंह, रौशन सिंह, श्रम विभाग के श्रम कल्याण निरीक्षक रमेश साहू सक्रिय रहे।