कोरिया: कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 16 अक्टूबर 2024 को एक संदिग्ध स्पीड पोस्ट प्राप्त हुआ, जिसमें ‘अनीता प्रजापति, RTI कार्यकर्ता कोरबा’ के नाम से फर्जी नोटिस भेजा गया था। इस नोटिस में एसपी कोरिया पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए 5 लाख रुपये की मांग की गई थी, जिससे मामले में आपराधिक तत्वों का समावेश स्पष्ट हो रहा था।

मुख्य लिपिक फ्रांसिस जेवियर बेक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी बैकुंठपुर को कानूनी कार्रवाई का आवेदन भेजा। जांच के दौरान पाया गया कि प्रेषक अनीता प्रजापति और उनके अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी ने यह नोटिस नहीं भेजा था। तकनीकी विश्लेषण और स्पीड पोस्ट नंबर की जांच में खुलासा हुआ कि इसे अनीता प्रजापति के पूर्व पति दिलीप प्रजापति ने भेजा था।

दिलीप प्रजापति, जो कि आबकारी विभाग में उप निरीक्षक हैं, का अपनी पत्नी अनीता से तलाक हो चुका है और कोर्ट के आदेश से उन्हें 14,000 रुपये मासिक भुगतान करना होता है। प्रतिशोध की भावना से दिलीप ने यह फर्जी नोटिस 08 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भेजा, ताकि पत्नी को मानसिक प्रताड़ना दी जा सके।

पुलिस ने दिलीप प्रजापति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया और अपराध में प्रयुक्त कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, फर्जी दस्तावेज और CCTV फुटेज जब्त किए। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर 25 अक्टूबर 2024 को दिलीप प्रजापति को गिरफ्तार किया गया।

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