अम्बिकापुर: थ्री टियर केज पद्धति से मुर्गीपालन का व्यवसाय अब जिले के 14 आदर्श गोठानों में शुरू हो गया है। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मुर्गीपालन से अंडे बेचकर अब तक 12 लाख रुपये के आय अर्जित की है। मुर्गीपालन से अच्छी आमदनी मिलने से महिलाएं उत्साहित हैं।

कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में 7 आदर्श गोठानों से शुरू हुए मुर्गीपालन अब बढ़कर 14 गोठानो में चल रहा है। समूह की महिलाओं द्वारा आधुनिक पद्धति मुर्गीपालन किया जा रहा है।पशु चिकित्सा विभाग द्वारा महिलाओं को थ्री टियर केज पद्धति से मुर्गीपालन का प्रशिक्षण दिया गया है । शुरुआत में प्रत्येक गोठान में 250 नग मुर्गी विभाग द्वारा प्रदाय की गई है। अम्बिकापुर जनपद में आदर्श गोठान सोहगा व मेण्ड्रा कला, उदयपुर में सरगवां व सानीबर्रा, लखनपुर में पुहपुटरा व कुंवरपुर, बतौली में मंगारी व तरागी, मैनपाट में उडुमकेला व कुनिया,सीतापुर में सोनतराई व ढेंकीडोली, लुंड्रा में बटवाही व असकला गोठान में महिलाओं द्वारा मुर्गीपालन क किया जा रहा है।

पशु चिकित्सक डॉ सी.के. मिश्रा ने बताया कि मुर्गीपालन हेतु भवन का निर्माण मनरेगा से किया गया है जबकि मुर्गियों के लिए आहार एवं दवा की व्यवस्था डीएमएफ से किया गया है। तकनीकी रूप से मुर्गीपालन हेतु प्रशिक्षण और देख-रेख का कार्य पशुपालन विभाग द्वारा किया जा रहा है।

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