आशीष कुमार गुप्ता
बतौली/ सेदम: छत्तीसगढ़ के सरगुजा मे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा समुदाय की दयनीय स्थिति हो गयी है सड़क, पानी, बिजली सहित अपनी पेट की भूख मिटाने हर रोज लकड़ी बेचने को मजबूर है बिना लकड़ी बेचे इनके घर के चूल्हे भी नहीं जलते है बड़ी विडंबना की बात है की आजादी के 77 वर्षो बाद भी आजतक पहाड़ी कोरवाओ को मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है।
गौरतलब है की सरगुजा जिले के बतौली विकास खण्ड के पहाड़ी कोरवा इलाका तराईदाड़ , खीराआमा, लोटापारा, कदनई, लैगू, बागपानी, बोरवाबोदार, मूर्ताडाड़, सेमरहिया, करदना के पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोग योजनाओ से दूर जंगल से लकड़ी बेचने को मजबूर है गर्भवती महिलाओं , सिसुवती महिलाएं आठ- दस किलो मीटर पैदल चलकर बतौली मुख्यालय सहित आसपास के गाव मे लकड़ी बेचते है
पहाड़ी कोरवा परिवारों को मिला प्रधानमंत्री आवास भी मजाक बनकर रह गया है गांव मे स्थित अधूरे आवास खंडहर मे तब्दील होकर अपनी स्थिति को बयाँ कर रहे है साथ ही आज पानी पीने कुवां और ढोढी का सहारा लिया जा रहा है।
जबकि सरगुजा जिले के मैनपाट इलाका अतिसंवेदनशील पहाड़ी कोरवा क्षेत्र मे सड़क के अभाव मे झेलगी के सहारे मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है।
इस संबंध में बतौली जनपद सीईओ विजय नारायड श्रीवास्तव ने बताया की पहाड़ी कोरवा परिवारों को योजनाओ का लाभ मिल रहा है पंजीकृत परिवारों के मध्य प्रत्येक योजनाओ का सही क्रियानव्यंन हो रहा है और लकड़ी बेचने के संबंध में बोले मामला की जानकारी लेकर आगे की करवाई की जायेगी।