अंबिकापुर: अंबिकापुर केंद्रीय जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है दरअसल तबियत बिगड़ने पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाते वक्त हत्या के मामले में विचाराधीन बंदी एम्बुलेंस से कूदकर फरार हो गया है बंदी के फरार हो होने से जेल और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।

जानकारी के मुताबिक फरार बंदी का नाम संजीव दास है  अंबिकापुर के पास चिखलाडीह का रहने वाला है और  मर्डर केश के मामले में अंबिकापुर केंद्रीय जेल में बंदी है बीती रात करीब 7 बजे के लगभग जेल चिकित्सक डॉ शाहरुख़ फिरदौसी और जेलर आर आर मतलाम के निर्देश पर इलाज के लिए दो जेल प्रहरी को फरार बंदी को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जा रहे थे तभी अचानक मौका देखकर एम्बुलेंस से बंदी फरार हो गया।बताया  जा रहा है की जब बंदी को अस्पताल ले जाया जा रहा था तब दोनों प्रहरी आगे बैठे थे पीछे अकेले बंदी को रखा गया था जिसके बाद मौका देखकर बंदी फरार हो गया फ़िलहाल पुलिस फरार बंदी की तलाश  कर रही है अचानक क्या हुआ की बंदी को रात में ले जाया जा रहा था अस्पताल या बंदी को फरार करने की कोई शाजिस सबसे बड़ा सवाल है की आखिर अचानक बंदी को क्या हुआ था की बुधवार की रात करीब 7 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल भर्ती कराने की जरुरत पड़ी , जब बंदी का तबियत इतना ख़राब था तो चलती एम्बुलेंस से कैसे कूदकर फरार हुआ , वही जेल प्रहरियों के दौड़ने के बाद भी बंदी को नहीं पकड़ सके आखिर बंदी को अचानक क्या हुआ था की आनन फानन में मेडिकल कॉलेज अस्पताल बंदी को ले जाया जा रहा था बड़ा सवाल

जेल चिकित्सक डॉ शाहरुख़ फिरदौसी पर रूपये लेकर स्पेशल ट्रीटमेंट करने का आरोप लगते रहे है हालही में आकाश अग्रवाल और गोलू अग्रवाल से 3 लाख रूपये लेकर स्पेशल ट्रीटमेंट की शिकायत सरगुजा कलेक्टर से की गई है जिसकी जांच चल रही है, रूपये लेकर बंदियों को गंभीर बीमारी बताकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भर्ती कर दिया जाता है जहां अस्पताल के जेल वार्ड में मौज करते देखा जाता है बंदी के फरार होने की जानकारी लगते ही जेल अधीक्षक ने चालक दया राम और प्रहरी वेद प्रकाश पाण्डेय को निलंबित कर दिया गया,और फरार बंदी संजीव दास की तलाश कर रही है।

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