बलरामपुर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर आज पोषण स्वास्थ्य केंद्र में किशोरी बालिकाओं के बीच आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिवक्ता जय गोपाल अग्रवाल ने कहा कि हमारे यहां बेटियों और महिलाओं का सम्मान आदिकाल से होता रहा है परंतु मध्यकाल में कुछ ऐसी परिस्थितियां निर्मित हुई थी जब बालिकाओं को लेकर समाज में विपरीत स्थिति बनी थी वर्तमान में हमारा समाज बालिकाओं को लेकर काफी संवेदनशील है और उनके अधिकारों के लिए पूरी तरह से जागरूक हो चुका है बालिकाओं को लेकर विभिन्न प्रकार के कानून बनाए गए हैं और उनके संवर्धन के लिए हर स्तर पर प्रयास हो रहा है। वर्तमान में बालिका हर ऊंचाई को छू सकती है हर सेक्टर में महिलाओं व बालिकाओं की सहभागिता सुनिश्चित हो इसलिए सरकारी स्तर पर प्रयास हो रहे हैं इसके अलावा समाज भी इस दिशा में बढ़ चढ़कर आगे काम कर रहा है।

अधिवक्ता सुनील सिंह ने कहा की बालकों के लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम 2012 में बनाए गए कानून के अतिरिक्त बालिकाओं और महिलाओं के प्रति समाज में बढ़ते अत्याचार के विरुद्ध ऐसे अन्य कानून हमारे देश में लागू हैं जो महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करते हैं बालिकाओं के अधिकारों का संरक्षण करते हैं इसके अलावा बालिकाओं व महिलाओं के पोषण स्वास्थ्य और उनके संवर्धन की सामूहिक व सामाजिक जवाबदेही भी हमारे देश में सरकारों की तय की गई है जिस के अनुरूप केंद्र व राज्य की सरकारें हर स्तर पर आर्थिक सामाजिक व शैक्षिक उन्नति के लिए लगातार निरंतर कार्य कर रही है उन्होंने विस्तार से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, के प्रावधानों के बारे में बताया।

अधिवक्ता जितेंद्र गुप्ता ने उपस्थित बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कानूनों के माध्यम से अधिकार आपको दिए गए हैं उनके लिए आपको खुद आगे बढ़ चढ़कर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी आप जितना अपने साथ हो रहे जातियों के बारे में बताएंगे उतना ही आप आगे बढ़ पाएंगे।
शिविर का संचालन कार्यक्रम अधिकारी कमलावती खाखा ने किया। इस अवसर पर सेक्टर सुपरवाइजर सुनीता मिंज, रीता सिंह , गीता गुप्ता, रजत लकड़ा,अनीता तिर्की व अन्य उपस्थित थे।

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