रायपुर: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू की जा चुकी है। ऐसे में नवरात्र से लेकर दशहरे का पर्व इस वर्ष आचार संहिता के साये में रहेगा। इसी बीच हर बार की तरह इस बार भी नवरात्र पर्व में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के रात 10 बजे के बाद उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बार आचार संहिता की वजह से सख्ती करने की बात प्रशासन द्वारा की जा रही है। रात 10 बजे के बाद किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही सड़कों पर किसी भी हाल में पंडाल नहीं लगाए जा सकेंगे। कलेक्टर ने जगराता में गरबा जैसे आयोजन और डीजे के इस्तेमाल को लेकर भी निर्देश दिए हैं। जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार रात 10 बजे के बाद डीजे या साउंड सिस्टम का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। यदि कोई आयोजन समिति रास गरबा या जगराता का आयोजन करती है, तो इसके लिए एडीएम की अनुमति जरूरी होगी।
यदि किसी आयोजन समिति की वजह से सड़क पर यातायात प्रभावित होता है या लोगों को परेशानी होती है, तो इसकी शिकायत मिलने पर आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दुर्गा पूजा आयोजन समितियों को असामाजिक तत्वों और अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग करने वाले लोगों की जानकारी फौरन संबंधित थाने में देनी होगी। आयोजकों को अपने समिति सदस्यों के फोन नंबर भी अपने क्षेत्र के थाने में देने होंगे।प्रदेश की राजधानी होने की वजह से यहां बड़े पैमाने पर जगराता और गरबा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बड़े गरबे के आयोजन लगभग 20 जगहों पर और तकरीबन सभी कालोनियों में भी विभिन्न प्रकार के आयोजन होते हैं। जहां रात के एक से दो बजे तक लोग गरबा नृत्य में लीन हो जाते हैं। इसके अलावा जगराता भी रात-रात भर चलता रहता है। यदि इस बार ऐसा हुआ तो आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
दुर्गा पूजा गाइडलाइन को लेकर निर्देश
– मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई आठ फीट होगी।
– मूर्ति स्थापना पंडाल में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा।
– रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रतिबंधित रहेंगे।
– प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्तियां प्रतिबंधित।
– पंडाल का आकार 15 गुणे 15 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए।
– पंडाल की वजह से गली या सड़क का यातायात प्रभावित न हो।
– मंदिरों में तय जगहों पर ज्योत जलेगी।
– धुमाल या बैंड का इस्तेमाल 200 वाट के साउंड सिस्टम पर पंडाल के 100 मीटर के भीतर होगा।
– मूर्ति विसर्जन के लिए अधिक वाहनों की अनुमति नहीं होगी, सिर्फ छोटे वाहन में प्रतिमा ले जा सकेंगे।