बलरामपुर/बरियों। बलरामपुर जिले के बरियों में लोक निर्माण विभाग के द्वारा 2015 में 32 लाख से स्कूल बिल्डिंग बनवाया गया लेकिन बिल्डिंग जर्ज़र हो गई, वजह घटिया निर्माण। अब स्कूल प्रबंधन शिकायत कर रहा है तो कार्यवाही के बजाय अफसर उसे तोड़कर 1.21 करोड़ से नई बिल्डिंग बनाने स्वीकृति दे दिए हैं ताकि भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा सके।
सीजीएमपी न्यूज़ ने जिले में घटिया निर्माण की वजह जानने पड़ताल किया तो सामने आया कि इसकी सबसे बड़ी वजह अफसरों की कमीशनखोरी है, जिसके कारण भवनो का निर्माण घटिया कराया जा रहा है। ठेके के काम से जुड़े लोगों का कहना है कि कोई भी स्कूल बिल्डिंग स्वीकृत होता है तो टेंडर पाने के लिए उन्हें शुरू में ही लागत राशि का 10 प्रतिशत अफसरों क़ो देना पड़ता है। वहीं अगर टेंडर जारी हुआ है तो टेंडर मैनेज करने ग्रुप बनाकर टेंडर डालते हैं और टेंडर डालने वाले ठेकेदार मैनेज होने के लिए कमीशन लेते हैं। वहीं इसके बाद अफसर मूल्यांकन से लेकर सत्यापन के लिए कमीशन लेते हैं वहीं पंचायत क़ो निर्माण एजेंसी बनाया जाता है तब भी लगात राशि का 20 प्रतिशत कमीशन में चला जाता है तो इतना ही निर्माण करने वाला ठेकेदार अपने लिए मुनाफा बचाता है। ऐसे में लागत राशि का 60-70 प्रतिशत राशि ही वास्तविक रूप से खर्च होता है। इसी तरह बरियों में भी स्कूल बिल्डिंग बनवाया गया जिसे अब तोड़ने का आदेश हो रहा है। इस बिल्डिंग में निर्माण के साथ ही दरार आ गई थी लेकिन तब संबधित विभाग के अफसरों ने कमीशनखोरी के कारण ध्यान नहीं दिया और अब बिल्डिंग क़ो तोड़ने की प्लानिंग है।
मै कुछ नहीं बोलूंगा
लोक निर्माण विभाग के ईई संतोष गुप्ता से पूछा गया कि बिल्डिंग का अवधि कितने साल की होती तो उन्होंने जवाब देने से पहले पल्ला झाड़ लिया और बोले मैं कुछ नहीं बोलूंगा।
अफसरों क़ो लिखा है
प्रिंसिपल सुशीला मिंज ने बताया कि भवन के जर्ज़र होने की जानकारी मेरे द्वारा अधिकारियो क़ो दिया गया था, स्कूल बिल्डिंग में बैठने से अनहोनी का डर है। इस पर तकनीकी टीम से जांच करा कर आगे की कार्यवाही के लिए मैंने लिखा था।