रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बी.एस.सी. कृषि पाठ्यक्रम के विभिन्न हस्तलिखित प्रश्नों के सोशल मीडिया (व्हाट्सएप) में वायरल होने पर विश्वविद्यालय द्वारा गठित जांच समिति ने इस प्रकरण की जांच में यह पाया है कि यह मामला प्रश्नपत्र लीक होने का नहीं है बल्कि सोशल मीडिया (व्हाट्सएप) में वायरल किये गये प्रश्नपत्र गेस पेपर अथवा मॉडल पेपर प्रतीत होते हैं। समिति ने पाया कि वायरल प्रश्नपत्र तथा मूल प्रश्नपत्रों में काफी असमानता है जिसकी वजह से यह प्रश्नपत्र लीक का मामला नहीं है।


जांच समिति द्वारा सोशल मीडिया में वायरल भ्रामक संदेशों को विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने का प्रयास मानते हुए इस प्रकरण की जांच साइबर अपराध विशेषज्ञों से कराने की अनुशंसा की गई है। जांच समिति की अनुशंसा पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पुलिस थाना तेलीबांधा एवं साइबर क्राईम सेल सिविललाईन में अज्ञात व्यक्ति/व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) दर्ज कराई गई है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा है कि पुलिस/साइबर अपराध सेल द्वारा की गई जांच के आधार पर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी एवं इस मामले में किसी को भी बख्शा नही जाएगा।

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