नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीक नजदीक आती जा रही है। इस बीच पक्ष हो या विपक्ष दोनों राजनीतिक जोर आजमाईश करने में लगी हुई हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मीटिंग की शुरुआत में कर्नाटक की जनता से सीधी बात करना चाहता हूं। सवाल ये है कि जब यहां कुछ ही दिनों में सरकार आएगी तो सरकार युवाओं के लिए महिलाओं के, लिए गरीबों के क्या करेगी। 2-3 वायदे जनता से कीजिए और जब सरकार बने तो पहली कैबिनेट में उन वायदों को पूरा करके दिखाईए। वादा पूरा करने में वक्त नहीं लगना चाहिए। यही बात कांग्रेस के कर्नाटक के नेताओं से कहना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि हमने यहां 4 वादे किए हैं। इन वादों को पूरा करने में 6 महीने से 2 साल नहीं लगने चाहिए। पहली कैबिनेट में इसे पूरा करना होगा। कांग्रेस को कर्नाटक और देश की जनता को सीधा मैसेज देना चाहिए। PM को मैसेज देना चाहिए कि अगर आप हजारों करोड़ों अडानी को दे सकते हैं, तो हम ये पैसा गरीबों को दे सकते हैं। आपने दिल भर के अडानी की मदद की हम दिल भर के जनता की मदद करेंगे। आप अपना काम करो हम अपना काम करेंगे। कर्नाटक में BJP ने क्या काम किया। 40 परसेंट कमीशन खाया। कर्नाटक की जनता से पैसा चोरी किया, जो भी किया 40 परसेंट लिया। करप्शन को लेकर PM को चिट्ठी लिखी थी। आज तक इसका जवाब नहीं दिया गया। मतलब ये कि PM ने इस बात को मान लिया है।
राहुल गांधी ने कहा कि जब मैंने ये बात संसद में रखी जब अडानी को लेकर सवाल पूछे तो मेरा माइक ऑफ कर दिया गया। मैंने सिर्फ ये पूछा कि आपका अडानी से क्या रिश्ता है। इन सवालों के पूछने के बाद इतिहास में पहली बार सरकार ने संसद को नहीं चलने दिया। स्पीकर ने मेरी बात नहीं सुनी, चूंकि वे अडानी को लेकर कुछ भी नहीं सुनना चाहते थे। इसीलिए मुझे संसद से बाहर कर दिया गया। ये सोचते हैं मुझे डरा देंगे, मैं नहीं डरता। PM जी आपका अडानी से क्या रिश्ता है। उनकी बेनामी कंपनी में 20 हजार करोड़ कहां से आया और जब तक इसका जवाब नहीं मिलेगा मैं नहीं रुकने वाला नहीं हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे हटा दो, जेल में डाल दो, मुझे फर्क नहीं पड़ता है। अडानी करप्शन के एक चिन्ह हैं, वे 21वीं सदी में हिंदुस्तान का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर ले जाते हैं। हजारों करोड़ जादू से उनकी कंपनी में आ जाता है। डिफेंस कंपनी में चीन का एक डायरेक्टर बैठा है। बात समझिए कोई जांच नहीं हो रही है। अडानी डिफेंस में काम करते हैं। चीन के इस व्यक्ति को किसने बिठाया, किसके कहने पर बिठाया। हम सवाल पूछते हैं तो लोगों को मुद्दे से भटकाते हैं OBC की बात करते हैं। मैंने OBC का अपमान किया ये आरोप लगाते हैं। अगर हम OBC दलित की बात करते हैं तो सबसे बड़ा सवाल ये है कि किसकी कितनी आबादी है। सरकार में सचिव दलित, आदिवासी और OBC वर्ग से सिर्फ 7 परसेंट हैं। यानी हिंदुस्तान की सरकार की रीढ़ की हड्डी में इनकी तादात सिर्फ 7 फीसदी है। OBC दलित आदिवासी कितने हैं अगर हम जन कल्याण की बात करें तो आबादी को देखना जरूरी है।