नई दिल्ली। रेलवे ने अयोध्या के प्रति सनातन लगाव के सहारे भारतीय संस्कृति को उभार देने के साथ-साथ भगवान श्रीराम को राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक बनाने-बताने की पहल की है। पांच सौ वर्ष की लंबी प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद श्रीराम लला के विराजमान होने की खुशी में देश के सभी 8300 रेलवे स्टेशनों में दीये जलाए जाएंगे और उन्हें रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाएगा।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन छोटे-बड़े सभी रेलवे स्टेशनों और हाल्टों पर नौ हजार एलईडी स्क्रीन के माध्यम से समारोह का सुबह आठ बजे से सीधा प्रसारण होगा, जो समारोह की समाप्ति के बाद भी पूरे दिन जारी रहेगा। बड़े स्टेशनों में एक से ज्यादा एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। रेलवे अपने अभियान को 22 जनवरी के बाद भी जारी रखेगा। अयोध्या दर्शन के नाम पर अगले दो महीने तक आस्था ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो देशभर के सभी जिलों से होकर गुजरेंगी। तैयारी है कि कोई भी शहर या जिला आस्था ट्रेनों के दायरे से बाहर न रह पाए।
श्रद्धालुओं की उपलब्धता के आधार पर ट्रेनों की संख्या निर्धारित होगी। वैसे रेलवे ने प्रारंभिक तौर पर एक हजार विशेष ट्रेनों की तैयारी कर रखी है। सभी 18 रेलवे जोनों को तैयार रखने का निर्देश दिया गया है। जिस जिले या शहर में ज्यादा श्रद्धालु टिकट बुक कराएंगे, वहां से पूरी ट्रेन खुलेगी। जहां श्रद्धालुओं की संख्या कम होगी वहां से गुजरने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त बोगियां लगाई जाएंगी। किस जिले से कौन सी ट्रेन कब गुजरेगी, इसके निर्धारण की जिम्मेवारी गृह मंत्रालय को दी गई है।
अयोध्या के लिए सीधी रवाना होने वाली ट्रेनों का ठहराव अनावश्यक रूप से किसी अन्य स्टेशन पर नहीं होगा। आस्था ट्रेनों में 22 कोच होंगे। किंतु जरूरत के अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकेगा। टिकट की बुकिंग आईआरसीटीसी के जरिए होगी। टिकट राउंड ट्रिप के लिए लेना होगा। मतलब वापसी की बुकिंग भी करानी होगी। सुरक्षा कारणों के चलते ट्रेन की सूचना सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
रेलवे मंत्रालय ने उन स्टेशनों को खास तौर पर सजाने का निर्देश दिया है, जिनके नाम के साथ ‘राम’ शब्द जुड़ा हुआ है। देश में ऐसे स्टेशनों की कुल संख्या 354 है। इनमें से 55 ऐसे स्टेशन हैं, जिनके नाम के आगे ‘राम” शब्द लगा है। उत्तर प्रदेश के आठ, बिहार के पांच एवं झारखंड के दो समेत देशभर के 55 ऐसे स्टेशनों को चिह्नित किया जा चुका है, जिनका नाम ‘राम’ से शुरू होता है।वहीं, ‘राम’ के नाम से सबसे ज्यादा स्टेशन दक्षिण भारत में हैं। आंध्र प्रदेश में 55 स्टेशनों के नाम के साथ राम शब्द जुड़ा है। तमिलनाडु में ऐसे स्टेशनों की संख्या 54 है। रेलवे मंत्रालय का मानना है कि इस पहल से देश की एकता और अखंडता की भावना को मजबूती मिलेगी।