रायपुर।पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने एक बार फिर कहा कि भाजपा सरकार आई तो वह शराबबंदी की नीति पर आगे बढ़ेंगे। मीडिया संवाद में उन्होंने बताया कि जब हम सत्ता में थे, तो शराब दुकानों को बंद करने का काम किया था। पहले 500 की आबादी, फिर 1000 और फिर 2000 की आबादी वाले गांवों में दुकानें बंद की गई थीं। वैसे ही धीरे-धीरे दुकानें बंद की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि कहा पिछली सरकार ने नीति बनाकर शराबबंदी की शुरुआत कर दी थी और आने वाले समय में भाजपा की सरकार बनने के बाद उसी नीति का उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि रविवार को भी उन्होंने कहा था कि सरकार बनी तो शराबबंदी करेंगे और इसे चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल करेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पूछे ये 10 प्रश्न

– रमन राज में छत्‍तीसगढ़ में शराब के सरकारीकरण के पीछे क्या उद्देश्य था?

– रमन राज में प्रति व्यक्ति खपत में गोवा के बाद छत्तीसगढ़ का स्थान था, कौन जिम्मेदार?

– भले ही चुनाव हार जाऊ पर शराबबंदी करूंगा, यह कहने वाले रमन सिंह ने शराबबंदी क्यों नहीं की?

शराब दुकानों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि कैसे हुई ?

– प्रेम प्रकाश पांडे ने कहा था कि शराब से मिलने वाला कमीशन 1,500 करोड़ है, यह पैसे किसकी जेब में गए?

– प्रदेश की शराब नीति में क्यों परिवर्तन किया गया? किसको लाभ पहुंचाया गया?

– रमन राज में होटल, बार में शराब परोसने के लिए बच्चियों, बेटियों को ट्रेनिंग क्यों दी जा रही थी ?

– रमन सरकार में राजस्व 5,000 करोड़ तक पहुंच गया, इस वृद्धि के पीछे क्या कारण थे?

– अपनी सरकार में 4,406 करोड़ के शराब घोटाले पर क्यों कुछ नहीं कहते रमन सिंह ?

– अधिकारी की संविदा अवधि बढ़ाकर नौ वर्षों तक क्यों शराब के कारोबार का जिम्मा दिया गया ?

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