अम्बिकापुर: कलेक्टर सरगुजा संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सरगुजा विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में पढ़ना-लिखना अभियान के अंतर्गत राज्य साक्षरता मिषन प्राधिकरण, रायपुर के तत्वाधान में राज्यव्यापी महापरीक्षा अभियान का आयोजन जिला साक्षरता मिषन प्राधिकरण, सरगुजा के द्वारा 30 मार्च 2022 को प्रातः 10ः00 बजे से शाम 05ः00 बजे तक किया गया। महापरीक्षा अभियान में 70 वर्ष से अधिक उम्र की महिला के साथ-साथ, ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र की स्वच्छता दीदियों एवं केन्द्रीय जेल के बंदियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जिला शिक्षा अधिकारी एवं सदस्य सचिव, जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण, सरगुजा डॉ. संजय गुहे ने विकासखण्ड अम्बिकापुर में आयोजित महापरीक्षा का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि कई परीक्षा केन्द्रों में बुजुर्ग लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कई महिलाएं अपने बच्चों को अपने साथ लेकर परीक्षा देने आई। जिला षिक्षा अधिकारी ने समस्त नवसाक्षरों को परीक्षा में शामिल होने पर उनका उत्साहवर्धन किया। प्रत्येक स्तर पर कलेक्टर सरगुजा संजीव कुमार झा के द्वारा महापरीक्षा अभियान की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिससे परीक्षा की गुणवत्ता बनी रहे।
जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण, सरगुजा द्वारा आयोजित महापरीक्षा में नवसाक्षरों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस महापरीक्षा हेतु सरगुजा जिले में कुल 59 केन्द्र बनाए गए थे। जिसमें 1112 परीक्षार्थियों का लक्ष्य रखा गया था। इन केन्द्रों में 04ः00 बजे तक करीब 536 षिक्षार्थियों ने शिक्षार्थी आंकलन में भाग लिया। परीक्षा के सफलता पूर्वक एवं गुणवत्तापूर्ण सम्पादन के लिए राज्य स्तरीय टीम, जिला स्तरीय प्रभारी, ब्लॉक स्तरीय मॉनिटरिंग दल के साथ-साथ ग्राम पंचायत स्तर से भी मॉनिटरिंग की गई। परीक्षा में 15 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे परीक्षार्थी शामिल हुए जो षिक्षा की मुख्य धारा से कटे हुए थे या जो प्रांरभ से ही शाला त्यागी थे। इनके अलावा ऐसे नवसाक्षर जिन्होंने साक्षरता कक्षा में आखर झांपी के 24 पाठों की पढ़ाई पूरी की थी, उन्होंने भी परीक्षा में भाग लिया। केन्द्रीय जेल की वरिष्ठ कल्याण अधिकारी वाणी मुखर्जी ने जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर में भी परीक्षा केन्द्र स्थापित किया गया था। जिसमें महिला 03, पुरूष 93 कुल 96 नवसाक्षर बंदियों को इस महापरीक्षा अभियान में सम्मिलित कराया गया।