रायपुर।छत्तीसगढ़ के विधानसभा में पहली बार एक साथ निर्वाचित होकर 18 महिलाएं सदन में पहुंचेगी। प्रदेश के सरगुजा संभाग से सबसे अधिक छह महिलाएं विधायक चुनी गई हैं। पिछली बार 2018 के चुनाव में 13 महिलाएं सदन पहुंचीं थी। इसके बाद उपचुनाव से तीन अन्य महिलाएं भी जीती थीं। इस बार एक ही झटके में भाजपा से आठ और कांग्रेस से 10 महिलाएं एक साथ शपथ लेंगी। गौरतलब है कि इस बार भाजपा ने 15 और कांग्रेस ने 18 महिलाओं को टिकट दिया था।
भाजपा की आठ महिला विधायक
भाजपा की महिला विधायकों में भरतपुर-सोनहट से रेणुका सिंह, भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर शकुंतला सिंह पोर्ते, सामरी से उद्धेश्वरी पैकरा, जशपुर से रायमुनि भगत, पत्थलगांव से गोमती साय, पंडरिया से भावना बोहरा और कोंडागांव से लता उसेंडी विधायक बनी हैं।
कांग्रेस की 10 महिला विधायक
लैलुंगा विधायक विद्यावती सिदार, सारंगढ़ से उत्तरी जांगड़े, सरायपाली से चातुरीनंद, बिलाईगढ़ से कविता प्रान लहरे, सिहावा से अंबिका मरकाम, संजारी बालोद से संगीता सिन्हा, डौंडी लोहारा से अनिला भेड़िया, खैरागढ़ से यशोदा निलंबर वर्मा, डोंगरगढ़ हर्षिता स्वामी बघेल और भानुप्रतापपुर से सावित्री मनोज मंडावी विधायक बनी हैं
छत्तीसगढ़ में पहला विधानसभा का चुनाव 2003 में हुआ था। उस समय चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या 62 थी। 2018 के चुनाव में इनकी संख्या बढ़कर 115 हो गई थी । इस बार 2023 के चुनाव में 155 महिलाएं चुनावी मैदान में रहीं।
2003 के चुनाव में भाजपा ने छह और कांग्रेस ने आठ महिलाओं को टिकट दिया। इसमें भाजपा की चार और कांग्रेस से एक भी महिला चुनाव नहीं जीत पाईं। 2008 के चुनाव में भाजपा ने 10 और कांग्रेस ने 10 महिलाओं को टिकट दिया। इसमें भाजपा की छह और कांग्रेस से पांच महिलाएं चुनाव जीतीं। 2013 के चुनाव में भाजपा ने 10 और कांग्रेस ने 12 महिलाओं को टिकट दिया। इसमें भाजपा की छह और कांग्रेस से चार महिलाएं चुनाव जीतीं। 2018 के चुनाव में भाजपा ने 14 महिलाओं को टिकट दी है। वहीं, कांग्रेस ने 13 महिलाओं को मैदान में उतारा ।