लुंड्रा के ईसाई वर्ग से घोषित प्रत्याशी प्रबोध मिंज के विरोध में उतरा सर्व हिन्दू समाज 

अंबिकापुर।सर्व हिन्दू समाज लुंड्रा द्वारा विधानसभा लुंड्रा क्षेत्र से भाजपा के द्वारा ईसाई वर्ग से घोषित प्रत्याशी प्रबोध मिंज को बदलने की मांग को लेकर विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में हिन्दू समाज सड़कों पर उतर आया है। लुंड्रा एवं तुनगूरी में आयोजित आक्रोश रैली एवं सभा में हिन्दू समाज का कहना है कि लुंड्रा विधानसभा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है लेकिन प्रबोध मिंज ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। पूर्व में नगर निगम अंबिकापुर के अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर दो बार महापौर रहे। 2016 से 2019 तक तीन वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रहे, इसमें सदस्य के रूप में अल्पसंख्यक समुदाय से लिया जाता है। एक ही व्यक्ति द्वारा अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग का लगातार लाभ लिया जा रहा है जो अनुसूचित जनजाति वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। इसको लेकर विधानसभा क्षेत्र में लगातार आक्रोश रैली एवं सभाएं हो रहीं हैं। 

हिन्दू समाज का कहना है कि लुंड्रा विधानसभा में 90 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है, ऐसे क्षेत्र में ईसाई प्रत्याशी बनाए जाने से क्षेत्र में गहरा असंतोष है। लुंड्रा क्षेत्र धर्मांतरण से प्रभावित क्षेत्र है, जहां अवैध धर्मांतरण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कांग्रेस शासनकाल के 5 वर्षों में धर्मांतरण बहुत तेजी से बढ़ा है, नारायणपुर की घटना ज्वलंत उदाहरण है, अनेक स्थानों पर हिंदुओं की हत्याएं हुई हैं। इन परिस्थितियों में सरगुजा से लेकर बस्तर तक भाजपा द्वारा पूरे प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में धर्मांतरण के विरोध में विभिन्न आंदोलन किए गए। जनजातीय समाज द्वारा चलाए जा रहे डीलिस्टिंग आंदोलन को भाजपा ने समर्थन दिया था एवं सभी कार्यक्रमों में पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्त्ता शामिल भी हुए हैं। डीलिस्टिंग का मुद्दा सरगुजा का ज्वलंत मुद्दा है। ऐसे में हिंदूवादी भाजपा के इस निर्णय से पूरा हिन्दू समाज हतप्रद है। जनजाति समाज के हृदय में भाजपा की छवि जनजाति समाज के संरक्षक के रूप में विशेष स्थान है। किन्तु भाजपा के द्वारा विधानसभा लुंड्रा में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट में ईसाई समुदाय के व्यक्ति को टिकट देकर जनजाति समाज के साथ बड़ा अन्याय किया है पूरा समाज मर्माहत है।

अपनी प्रमुख बातों में समाज ने कहा कि लुंड्रा क्षेत्र ईसाई मिशनरियों के केंद्र में रहा है। धर्म परिवर्तन, चर्चो की बढ़ती संख्या, गो तस्करी आदि तथ्य भयावह दृश्य उपस्थिति करते हैं। डीलिस्टिंग विषय पर जिस प्रकार लुंड्रा क्षेत्र के जनजाति समाज ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, संख्यात्मक उपस्थिति से अपना आक्रोश भी व्यक्त किया, दूसरी ओर भाजपा ने एक ईसाई को उम्मीदवार बनाकर जनजाति समाज के साथ घोर अन्याय किया है एवं डीलिस्टिंग जैसे जनजाति के सरोकार के विमर्श का गला घोंट दिया है। एक ईसाई को टिकट देने से धर्मान्तरण की समस्या की विकरालता बढ़ेगी, साथ ही जनजाति समाज की मजबूरी होगी की विकल्प के रूप में उपलब्ध किसी अन्य दल के हिन्दू उम्मीदवार का ही समर्थन करें। समाज ने मांग किया कि किसी अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार को टिकट देकर समाज हित में, राष्ट्र हित में व्यवहारिक, दूरदर्शी निर्णय लेकर इस गलत निर्णय को ठीक करेंगे।

आक्रोश सभा एवं रैली में सर्व हिन्दू समाज के बिहारीलाल उरांव, लीलाधर पैंकरा, कबीर दास, शिवनाथ, लगन राम, सुमारसाय, मिरचंद, महेश्वर राजवाड़े, घनश्याम धर्मजीत, लोकेश सिंह, रामचंद्र राम, बसंत राजवाड़े, शुभम राजवाड़े, शिवरी राम, तेजराम, श्रवण कुमार, देवनारायण, मुनेश्वर,  विष्णु कुमार, राम कुमार सिंह, शिवरतन राम, पारस राम, इंजोर साय,  रमाशंकर यादव, ठाकुर दयाल, लालू यादव, रामेश्वर, अजय सिंह, विजय शंकर, संजय, चेतनराम, आलेख सिंह गोंड, ननेश्वर, नंदकुमार यादव, देवनारायण यादव, सहदेव राम, रामेश्वर तिग्गा, तेजराम, बाली यादव, मानकेश्वर उरांव, भूपेंद्र उरांव, लक्ष्मणदारी सिंह, प्रदीप तिर्की, विजेंद्र पैकरा, घूरन राम, दीपक सांडिल्य, दिनेश पोर्ते, विकास सिंह, विकास आयाम, रामलखन, चित्रा राम, सोमरा, अखिलेश साहू, परमेश्वर सिंह प्रमिला सिंह, अनिकेत राम, राजकुमार, गोविंद राम, कालेश्वर पैकर, जमुना देवी आदि सैकड़ों की संख्या सनातनी उपस्थित थे।

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