नई दिल्ली: भारत इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। पहली बार दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल कर्तव्य पथ का अनावरण किया था, जिसे पहले राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट के पास राजपथ के रूप में जाना जाता था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ से शुरू होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगी। पिछले साल देश के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद भारत का 74वां गणतंत्र दिवस समारोह मुर्मू का पहला समारोह होगा। इस साल समारोह देश भक्ति के उत्साह और ‘जन भागीदारी’ का गवाह बनेगा, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कल्पना की थी।
परेड में कई राज्यों और मंत्रालयों की झांकियां देखने को मिलेंगी। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी इस बार समारोह में मुख्य अतिथि हैं। मिस्र का 120 सदस्यीय दल भी मार्चिंग परेड में हिस्सा ले रहा है। भारत की जीवंत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को दिखाने वाली 23 झांकियां परेड में शामिल हो रही हैं। परेड में सिर्फ मेड इन इंडिया यानी स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन किया जाएगा। भारत में बनी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। नए भर्ती हुए अग्निवीर भी परेड का हिस्सा बनेंगे।
परंपरा के अनुसार, गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान होगा। पहली बार 21 तोपों की सलामी 105 मिमी की भारतीय फील्ड गन से दी जाएगी। भारतीय फील्ड गन पुरानी 25 पाउंडर तोपों की जगह लेंगी, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करती है। 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी -वी5 हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा करेंगे।
गणतंत्र दिवस समारोह कार्यक्रम के लिए 6,000 जवानों की तैनाती के साथ सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल और एनएसजी कमांडों भी इसमें शामिल हैं। लगभग 150 सीसीटीवी कैमरों की मदद से कर्तव्य पथ की निगरानी की जाएगी।