गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के चिंगरा पगार झरना गए करीब एक हजार से ज्यादा सैलानी बाढ़ में फंस गए थे। लेकिन अब हालात को काबू में कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक चिंगरा पगार झरना स्थल जाने से पहले पड़ने वाले बरसाती नाला में अचानक बाढ़ आ गई थी।
दरअसल, दोपहर तेज बारिश के बाद झरना व नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया था। सैलानियों के फंसने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस व बाढ़ आपदा मोचन टीम मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया। राहत व बचाव टीम रस्सी के सहार एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों को सुरक्षित निकाला। बता दें देर रात आठ बजे तक मिली जानकारी के अनुसार लगभग 20 से 30 सैलानी पुल के उस पार फंसे हुए हैं। बाकी सभी को सकुशल नाला पार करा दिया गया है।
दरअसल, बारिश के मौसम में परिवार के साथ रविवार को चिंगरा पगार के वाटर फाल को देखने पहुंचे हजारों सैलानी नाले में आयी बाढ़ की चपेट में फंस गए। तेज बारिश से नाले में पानी का बहाव उफान मारने लगा। बाढ़ में फंसे लोगों की मानें तो बाढ़ का पानी इतना तेज था कि हजारों लोग एक ही जगह कई घंटे तक फंसे रहे। ज्ञात हो कि मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम बारूका के नेशनल हाईवे के किनारे चिंगरा पगार वाटरफाल के नाम से मशहूर चिंगरा पगार टूरिस्ट प्लेस में दोपहर तीन बजे के बाद सैलानियों में अफरातफरी का माहौल बन गया। जिसमें हजारों सैलानियों की जान पर संकट आ गया।
हालांकि शाम 4 से 5 बजे तक लगभग एक हजार के आसपास लोग नाले के उस पार फंसे हुए थे। घटना कि जानकारी मिलते ही गरियाबंद से पुलिस और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों का रेस्क्यू करना शुरू किया। देर रात आठ बजे तक मिली जानकारी के अनुसार लगभग 200 से 300 सैलानी पुल के उस पार फंसे हुए हैं। बाकी सभी को सकुशल नाला पार करा दिया गया है।