सूरजपुर: विधानसभा निर्वाचन, 2023 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग के स्थायी आदेशों के द्वारा भी निर्वाचन के दौरान शांति बनाये रखने के निर्देश के संदर्भ में यह आवश्यक हो गया है कि जिले में लोक शांति बनाये रखने तथा निर्वाचन प्रक्रिया निर्विघ्न निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने हेतु अन्य उपायों के साथ-साथ प्रतिबंधात्मक उपाय भी किये जायें इसलिए जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) एवं (2) के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए, निर्वाचन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने हेतु जिले के सम्पूर्ण क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा जारी की गई है। जिसके अंतर्गत जिला सूरजपुर के अंदर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का घातक अस्त्र-शस्त्र यथा बन्दुक, रायफल, पिस्टल, भाला, बल्लम, बरछा, तलवार, गुप्ती खूखरी लाठी एवं अन्य प्रकार के घातक हथियार तथा विस्फोटक सामग्री लेकर किसी भी सार्वजनिक स्थान आम सड़क, रास्ता, सार्वजनिक समाओं, रैली, जुलूस एवं अन्य स्थानों पर नहीं चलेगा। सूरजपुर जिले में कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी सशस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा और आपत्तिजनक नारे नहीं लगायेगा। आपत्तिजनक पोस्टर आदि प्रदर्शित वितरित नहीं करेगा। सूरजपुर जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह या दल, बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के न तो कोई सभा करेगा, न कोई रैली या जुलूस निकाल सकेगा। साथ ही किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन, चक्का जाम एवं पुतला दहन किसी भी स्थिति में वर्जित रहेगा। कोई भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति द्वारा आमसभा, जुलूस, धरना आदि आयोजित करने के 24 घंटा पूर्व उसकी विधिवत लिखित सूचना सक्षम प्राधिकारी को देगा तथा अनुमति प्राप्त होने के बाद संबंधित राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति आम सभा, जुलूस, धरना आदि का आयोजन कर सकेगा।
कोई भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति जिला सूरजपुर के अंतर्गत आने वाले नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के किसी भी धार्मिक स्थल या उसके आस पास 100 मीटर की परिधि में आमसभा का आयोजन नहीं करेगा और न ही धार्मिक स्थलों का उपयोग किसी भी तरह के राजनैतिक प्रयोजनों हेतु करेगा। किसी भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति द्वारा बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से किसी प्रकार के नारे बाजी या प्रचार प्रसार एवं वक्तव्य का उद्घोष नहीं करेगा। मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व की अवधि में किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र, नारेबाजी या प्रचार प्रसार पूर्णतरू प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति दल, भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय होगा। इस आदेश की कंडिका-1 उन व्यक्तियों, शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने कार्य सम्पादन के लिये लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों पर भी लागू नहीं होगा जिन्हें चुनाव व मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें शारीरिक दुर्बलता, वृद्धावस्था या दिव्यांग होने के कारण सहारे के रूप में लाठी रखना आवश्यक होता है।
यद्यपि निषेधाज्ञा आदेश जारी करने के पूर्व जिला सूरजपुर के आम नागरिकों को सुना जाना आवश्यक है, किन्तु परिस्थितियों एवं समयाभाव के कारण पृथक से पूर्व सूचना देकर सुना जाना संभव नहीं है। अतएव दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के अधीन एक पक्षीय आदेश पारित किया जाता है।