बैकुण्ठपुर: जल है तो कल है, इसी संकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेष सरकार द्वारा सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा विकास अभियान चलाया गया है जिसके सुखद परिणाम आने लगे है। कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत रजौली के किनारे बहने वाले मरजादी नाले में जहां सिर्फ बारिष में पानी बहा करता था और उसके तेज बहाव से सिर्फ मिटटी और किसानों के खेत कटते थे अब वह एक बारहमासी जलस्रोत के रूप में तैयार हो चुका है। जिला पंचायत कोरिया की मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ षासन की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के तहत ग्राम पंचायत रजौली में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से नाले का विकास कार्य पूर्ण कराया गया है। यह कार्य गत वर्ष स्वीकृत किया गया था जो अब पूर्ण हो चुका है। इस नाले के विकास से आस-पास का जलस्तर बढ़ने लगा है और उसके नीचे आने वाले दो तालाब जो कि गर्मियों में सूख जाया करते थे वह भी अब लबालब भरे हुए हैं। नरवा विकास का यह कार्य मनरेगा के तहत जल संरक्षण एवं संवर्धन केटेगरी में स्वीकृत कर पूर्ण कराया गया है। इस नाले के विकास के बाद आस पास के दर्जन भर ग्रामीणो ने धान की अच्छी फसल के बाद ठंड में फसल लगाने का कार्य प्रारंभ किया है। साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा ग्राम पंचायत के माध्यम से नए तालाब के साथ ही पुराने तालाबों में भी मछलीपालन कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है जो उन्हे आने वाले समय में एक बेहतर स्वरोजगार से जोड़ेगा।

इस कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीइओ श्रीमती जैन ने बताया कि सोनहत जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत रजौली के धनपुर पारा से होकर मरजादी नरवा भैंसवार में मिल जाता है, इसे यहां पर जनतापहरी नाला कहा जाता है। यह केवल बरसाती नाले की तरह हो चुका था और बारिष के तेज बहाव से इस नाले के आसपास की मिटटी तेजी से कटाव हो रहा था साथ ही बारिष के पानी का कोई उपयोग आम ग्रामीण नहीं कर पा रहे थे। गत वित्तीय वर्ष में नरवा विकास के तहत ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर जलसंरक्षण व संवर्धन करने हेतु महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत कार्य के लिए ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाकर नरवा विकास के लिए 20 लाख रूपए की प्रषासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। तकनीकी सहायक नरेन्द्र कष्यप की देखरेख में 80 मीटर लंबाई 80 मीटर चैड़ाई और डेढ़ मीटर गहराई में इस नरवा के बहाव को नए तालाब में जोड़ा गया और जनतापहरी में एक अच्छा तालाब बनकर तैयार हुआ है। इस कार्य से गांव के सभी मनरेगा जाब कार्ड धारियों को 9 हजार 733 मानव दिवस का श्रम करने से मजदूरी का भी सीधा लाभ हुआ। इस तालाब में लगभग 7680 घन मीटर बारिश का पानी संचय किया गया है। इस तालाब के बन जाने के बाद से कार्यस्थल से नीचे बने हुए दो तालाब जो ठंड के बाद सूखने लगते थे वह भी अब पूरी तरह से भर गए है। ग्राम पंचायत रजौली के सरपंच बसंती बाई ने बताया कि ग्राम पंचायत के पास से गुजरने वाले इस नाले से हमें कोई लाभ नहीं मिल पाता था परंतु नरवा विकास का कार्य हो जाने से अब बढ़िया नया तालाब बन गया है इससे गांव के कई किसानों ने धान की अच्छी फसल ली है। और अब ग्राम पंचायत ने नए तालाब के नीचे के दोनो तालाबों में जलस्तर बढ़ जाने के बाद से महिला स्व सहायता समूह को तालाब में मछली पालने का काम भी दे दिया है। नए तालाब में गुलाब स्व सहायता समूह की महिलाओं को तथा पुराने तालाबों में सूरज स्व सहायता समूह और प्रिया स्व सहायता समूह की मछलीपालन का कार्य दिया गया है।

सरपंच ने बताया कि इस नए तालाब से रजौली गांव की धनपुर बस्ती के निवासियों को दैनिक निस्तारण के लिए भी एक अच्छा जल संसाधन मिल गया है। स्थानीय जन दैनिक निस्तारण के अलावा अपने पालतू पशुओं के लिए भी जल का भरपूर उपयोग कर रहे है। तालाब के किनारे आठ किसानों ने रबी की फसल भी लगाई है। नरवा विकास के इस कार्य से निश्चित रूप से अच्छा फायदा मिलने लगा है।

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