पटना। राज्य में सड़क दुर्घटना में पीड़ितों एवं मृतकों के आश्रितों को समय पर मुआवजा देने के लिए पटना समेत सात प्रमंडलीय मुख्यालयों में मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने काम शुरू कर दिया है।
पटना, गया, सारण, मुजफ्फरपुर और दरभंगा प्रमंडल के लिए एक-एक न्यायाधिकरण बनाया गया है। वहीं भागलपुर एवं मुंगेर प्रमंडल के लिए संयुक्त रूप से भागलपुर तथा पूर्णिया एवं सहरसा प्रमंडल के लिए संयुक्त रूप से पूर्णिया में न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।
न्यायाधिकरण के गठन के बाद पीड़ितों को मुआवजा राशि के लिए कहीं दौड़-भाग नहीं करनी होगी। मुआवजे से जुड़े मामलों का निष्पादन न्यायाधिकरण में हो सकेगा। विभाग ने न्यायाधिकरण के अध्यक्ष पद पर पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश की नियुक्ति की है, जबकि अपर जिला परिवहन पदाधिकारी न्यायाधिकरण के सचिव बनाए गए हैं।
सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रित को पांच लाख रुपये, जबकि गंभीर रूप से घायल होने पर पीड़ित को ढाई लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। अगर पीड़ित तय मुआवजा राशि से संतुष्ट नहीं है तो वह न्यायाधिकरण में अपील कर सकता है। मुआवजा के लिए न्यायाधिकरण में आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
आवेदकों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग की ओर से एनआईसी के सहयोग से वेब पोर्टल बनाया गया है, जहां आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑलाइन आवेदन https://accidentclaim.bihar.gov.in पर सुविधा प्रदान की गई है। आवेदन के साथ आवश्यक कागजात भी पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
न्यायाधिकरण के सफलतापूर्वक संचालन के लिए शुक्रवार को फुलवारीशरीफ स्थित परिवहन परिसर में एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इसका उद्घाटन परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल और सभी न्यायाधिकरण के अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में दुर्घटना पीड़ित एवं उनके आश्रितों ने अपनी आपबीती बताई। परिवहन आयुक्त विशाल राज ने सड़क दुर्घटना की स्थिति एवं मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों से लोगों को अवगत कराया।