रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य के शिल्पकला की देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी पहचान है। दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 24 नवंबर तक आयोजित सरस आजीविका मेला 2021 में रॉट आयरन शिल्प की धूम रही। इस मेले में कोण्डागांव की शिल्पकला को काफी सराहा गया। इस कलानगरी की कलाकृतियों के प्रति देश की राजधानी के लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। जहां कोण्डागांव जिले के बड़ेराजपुर विकासखण्ड के विश्रामपुरी स्थित प्रगति स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित रॉट आयरन शिल्प की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें लोगों की भीड़ देखने को ही बनती थी। जहां इस मेले में कोण्डागांव की निर्मित कलाकृतियों को बेहतर प्रतिसाद मिला।
इस मेले में विदेशों से भी घूमने आये सैलानियों ने भीे कोण्डागांव की आदिम परम्परा से निर्मित कलाकृतियों के प्रति उत्साह दिखाते हुए बढ-चढ़कर खरीदारी की। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के सभी संभागों से आजीविका कार्यों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने इस मेले में अपनी सहभागीता निभाई। जिसमें बस्तर संभाग से बड़ेराजपुर की प्रगति स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा भी भाग लिया गया था।
इस सरस आजीविका मेले के नोडल अधिकारी एवं कोण्डागांव जिले के आजीविका मिशन प्रबंधक विनय सिंह ने बताया कि जिले की प्रदर्शनी के स्टॉल के प्रति लोगों का उत्साह अभूतपूर्व रहा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग यहां आकर आदिम कलाकृतियों का अवलोकन किया। इस मेले में सर्वाधिक विक्रय करने वाले समूहों में प्रगति स्व-सहायता समूह भी सम्मिलित है। जिला पंचायत सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा ने प्रगति स्व-सहायता समूह को सरस आजीविका मेले में बेहतरीन प्रदर्शन हेतु बधाई देते हुए कहा कि प्रगति स्व-सहायता समूह द्वारा जिले को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। इस समूह द्वारा बीते 10 दिनों में मेले में कुल 03 लाख 07 हजार रूपयों की कलाकृतियों का विक्रय किया गया है। इस प्रकार जिले के समस्त स्व-सहायता समूहों को राज्य सरकार द्वारा आजीविका से जोड़कर नई पहचान दिलाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।