कोरबा: कोरबा शहर के टी.पी. नगर में स्थित कर्मिशियल काम्पलेक्स अग्निकांड का एकमात्र दोषी “साहेब कलेक्शन” के संचालक भूपेन्द्र सिंह गांधी को जांच समिति द्वारा माना गया है। हालांकि इस संबंध में जांच समिति या प्रशासनिक तौर पर कोई भी पुष्ट जानकारी नहीं दी गयी हैं किन्तु सूत्रों से मिली अपुष्ट जानकारी में प्रशासन की जांच के उपरान्त रिपोर्ट में मुख्यतः छह बिंदुओं पर संचालक को दोषी ठहराया गया है और प्रस्तुत की गयी प्रशासन की उच्च स्तरीय जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने संचालक पर 304, 34 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
प्रशासन की इन छह बिंदुओं पर रिपोर्ट हुई जारी
परिसर में सबसे पहले आग “साहेब कलेक्शन” के दुकान के नीचे बिजली के पैनल पर लगी, और दुकान कर्मी आग का वीडियो बनाने में लग गए। इतनी बड़ी दुकान में आकास्मिक आग बुझाने के लिए कोइ भी साधन सहित सावधानी नहीं बरती गयी ना तो वहा आग बुझाने के सिलेंडर थे और ना ही रेट भरी बाल्टियां थी इसके अलावा आग को बुझाने के कोई भी प्रभावशील प्रयास भी नहीं किये गए।
जिस जगह भूतल पर आग लगी थी वहां से लेकर ऊपरी तल तक अवैध होर्डिंग्स और प्लाई लगाई गयी थी इस वजह से आग फैलकर ऊपर तल तक भीषण रूप में पहुंची काम्पलेक्स के नीचे बरामदे में “साहेब कलेक्शन” के द्वारा अतिक्रमण कर उस जगह को संकरा कर दिया गया था।
जिस महिला की दुकान के भीतर मौत हुई वह चेंजिग रूम में थी। महिला को कपड़े दिखाने वाले कर्मचारी आग की सूचना मिलते ही भाग निकले। अगर महिला को तत्काल बताया गया होता तो वह अपनी जान बचाने के लिए पहले प्रयास करती, लेकिन जब वह बाहर निकली तो दुकान में धुंआ भर चुका था।निगम द्वारा लीज पर दिए गए हॉल की खिड़की और वेंटिलेटर को “साहेब कलेक्शन” ने बिना अनुमति लिए प्लाई और लकड़ी से बंद कर दिया था। अगर खिड़की खुली होती तो दम घुटने से महिला की मौत नहीं होती।
ऊपरी तल के पास सीढिय़ों पर भी “साहेब कलेक्शन” ने अपना सामान फैला कर रखा था इससे सीढिय़ों से आग दूसरे दुकानों तक पहुंच गयी।
विशेषज्ञ की मिली राय, काम्पलेक्स का स्ट्रक्चर मजबूत
अग्निकांड के बाद कर्मिशियल काम्पलेक्स की स्थिति पर नगर निगम ने एक्सपर्ट से जांच कराई है। इसके मुताबिक काम्पलेक्स का स्ट्रक्चर अब भी मजबूत है। दुकानों का सुधार कार्य कराके फिर से संचालन किया जा सकता है। अब एक-दो दिनों में निगम के द्वारा विधिवत रूप से सुधार कार्य कराने के लिए अनुमति जारी कर दी जाएगी। काम्पलेक्स के कई हिस्से का सुधार कार्य निगम को भी करना है। घटना के बाद 11 दिन से आग वाले हिस्से में जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ था।
व्यापारी पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में चेंबर्स पदयात्रा करते पहुंचे कलेक्ट्रेट
व्यापारी पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में चेंबर्स ऑफ कामर्स द्वारा प्रदर्शन किया गया। काफी संख्या में व्यापारी सुभाष चौक पर पहुंचे। जहां से कलेक्ट्रेट तक पैदल यात्रा करते हुए पहुंचे। उन्होंने प्रशासन से मुलाकात कर अपनी मांग रखी। चेंबर्स का कहना था कि इस घटना में व्यापारियों को कार्रवाई करना गलत है। व्यापारियों का ही सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अब अगर उन पर ही कार्रवाई की जाएगी तो ऐसे मे दोहरी मार उनको पड़ेगी।
आग लगने, फैलने और धुंए का बाहर नहीं निकलना पड़ा भारी
बताया जा रहा हैं की “साहेब कलेक्शन” के संचालक पर हुई एफआईआर के पीछे जांच टीम ने तीन बिंदुओं पर मुख्य तौर पर जांच की। आग कैसे लगी, क्या आग समय पर बुझाई जा सकती थी, उसे फैलने से रोका जा सकता था और दम घुटने की प्रमुख वजह क्या थी। इन सारे ही पहलुओं पर यह बात सामने आई कि “साहेब कलेक्शन” के स्टॉफ वीडियो बनाने की बजाए आग को बुझा देते या बुझाने का प्रयास करते तो संभवतः इस घटना को जानलेवा गंभीरता तक पहुंचने से रोका जा सकता था पर संचालक ने अपने कर्मियों को इसके लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराये थे। अवैध होर्डिंग्स और प्लाई के स्ट्रक्चर से आग फैलते हुए ऊपर तक पहुंची फिर धुंआ ऊपर भर गया। महिला चेंजिग रूम में थी, सारे स्टॉफ उसे बताए बगैर बाहर निकल गए।