बलरामपुर: बलरामपुर जिले के राजपुर थाना के सामने 32 प्रतिशत आरक्षण को लेकर भाजपा अनुसूचित जनजाति के नेतृत्व में भाजपाइयों ने मंगलवार को सांकेतिक चक्का जाम कर प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर सामरी विधायक के नाम एसडीएम शशि कुमार चौधरी को ज्ञापन सौंपा।

12 अक्टूबर तक ग्राम संपर्क अभियान चलाकर जनजाति समाज के द्वारा आरक्षण में किए गए कमी को बढ़ाने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। 13 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक मध्य बस्तर और सरगुजा संभाग की कांग्रेस के जनजाति विधायकों के निवास कार्यालय में प्रदर्शन करके घेराव करने को एसडीएम व थाना को ज्ञापन सौंपा था। मंगलवार को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने बालिका छात्रावास के सामने एक सभा आयोजित कर दोपहर दो बजे सामरी विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज के निवास घेराव करने निकले थे। थाना के सामने पुलिस ने बैरिकेट्स लगाकर भाजपाइयों का रास्ता रोका वही भाजपाइयों ने एनएच 343 में सांकेतिक चक्का जाम प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर सामरी विधायक के नाम एसडीएम शशि कुमार चौधरी को ज्ञापन सौंपा। भाजपा आदिवासी जनजाति मोर्चा ने कहा कि बीते दिनों प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नाकामी के चलते आदिवासियों का 32% आरक्षण छीनकर 20% कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां किसी समुदाय से उनका आरक्षण छीना गया हो। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की हितों पर लगातार कैंची चला रही है। इसके कुछ ही दिन बाद ही बस्तर, सरगुजा और बिलापुर में तीसरी और चौथी श्रेणी की नौकरियों में जो स्थानीय आरक्षण रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2012 से देना शुरू किया गया था उसे भी छीनने का आदेश इस भूपेश सरकार ने जारी कर दिया है। इससे पूर्व जनजाति वर्ग के सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण के अधिकार को भी भूपेश बघेल सरकार ने खत्म कर दिया है।
धरना प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने करीब 500 पुलिस की ड्यूटी लगाई थी। मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन प्रशान्त कतलम, एसडीओपी रितेश कुमार चौधरी, थाना प्रभारी अखिलेश सिंह सहित पुलिसकर्मी उपस्थित थे। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा सहित भाजपाइयों की संख्या करीब 50 थी।

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