कोरबा: आदिवासी बाहुल्य पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड में बम्हनी नदी पर पुल के आभाव में सामान्य आवाजाही प्रभावित हो रही है। बारिश के सीजन में यहां दिक्कतें और ज्यादा बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 22 वर्ष बीतने के बाद भी इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जा सके और ना ही परेशानी कम की गई।पिछले कई दशक से पोड़ी-उपरोड़ा ब्लाक के सीमावर्ती ग्राम पंचायत सिर्री के आश्रित क्षेत्र सुआरघुटरा में बम्हनी नदी पुल विहिन है और आसपास के इलाकों को जोडऩे वाला रास्ता इससे होकर गुजरता है। ऐसे में नदी पर पानी होने पर भी जोखिम लेते हुए लोग पैदल पार होते हैं और वाहनों को भी भगवान भरोसे पार करना पड़ता है।

इस दौरान इस बात की आशंका बनी होती है कि पता नहीं कब क्या हो जाए। लोग बताते हैं कि अब तक पूरी आवाजाही अनुभव के आधार पर हो रही है, लेकिन कई मौकों पर अलग-अलग कारणों से हादसे हो चुके हैं। बताया जाता है कि नदी में पुल के आभाव के चलते यहां के अभिभावक अपने बच्चों को खतरों के बीच स्कूल भेजने को मजबूर हैं। यह मार्ग 07 किमी की दूरी पर जरौंधा बैकुंण्ठपुर मार्ग को जोड़ता है। इससे मार्ग की महत्ता आसानी से समझी जा सकती है। सुआरघुटरा में 500 की आबादी मौजूद है, जो काफी समय से समस्याओं के बीच अपने कार्यों के लिए आवाजाही करने को मजबूर हैं।

गर्भवती स्त्रियों से लेकर गंभीर मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने की बारी आती है तो यहां के लोग मुश्किल में पड़ जाते हैं। सबसे अधिक मुसीबत होती है बारिश में। नदी में अधिक पानी होने पर वाहन नहीं गुजर सकते हैं तब कांवर के सहारे संबंधितों को अस्पताल ले जाना पड़ता है।

सूत्रों के अनुसार लगातार हो रही परेशानी और शिकायतों से तंग आकर जनप्रतिनिधियों ने बम्हनी नदी पर पुल बनाने के प्रस्ताव को इस वर्ष प्रस्तुत राज्य सरकार के बजट में प्रस्ताव में शामिल कराया है। इस बारे में जानकारी सार्वजनिक हुई है। सवाल बना हुआ है कि अगली कड़ी में निर्माण के लिए फंड कब तक जारी होता है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!