सूरजपुर: सूरजपुर जिले के रामानुजनगर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत परशुरामपुर मे अमृत सरोवर योजना के तहत धुमाडांड पुनरुद्वार निर्माण कार्य की प्रसानिक स्वीकृति वर्ष 2022- 23 मे कुल लागत राशि 7,35 लाख मिला था जिसमे मजदूरी राशि 5,88 लाख थी,अमृत सरोवर के तहत सौंदर्यीकरण से तालाब का जल स्रोत पहले से बहुत अच्छा हो गया हैँ तलाब को सुखाकर लगबग एक मीटर की गहरी खुदाई कराया गया, काफी कचड़ा से पटा हुआ तालाब पहले की अपेक्षा बहुत खुदाई के बाद बेहतरीन हो गया हैँ तथा नहर से सटे होने के कारण तालाब का जल श्रोत काफी बढ़ा हुआ हैँ बीच बीच मे नहर का पानी भी पम्प के माध्यम से डाला जाता हैँ, जिससे वर्तमान समय मे तलाब मे चार से पांच फिट पानी भरा हुआ हैँ जहाँ महिलाओं बच्चों सहित ग्रामीणों के निस्तार की भी अच्छी व्यवस्था हो गया हैँ, लोग स्नान कपड़ा भी धो रहे वहीं गोंड वाना स्व- सहायता समूह के द्वारा पंचायत से दस वर्षो के लिए लीज मे लिया हैँ, स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा प्रतिवर्ष शासन को कर भी प्रदाय किया जा रहा हैँ बताया जाता हैँ की स्व- सहायता समूह की महिलाओं ने केसीसी कराकर एक लाख रूपये की मछली बीज खाद तालाब मे डाला हैँ, अनुमान लगाया जा रहा हैँ तलाब की मछली बेचकर महिलाये अब आत्म निर्भर हो रहीं हैँ।
तालाब की गहरी करण वर्ष 11,12 मे भी किया गया था किन्तु कीचड मय होने से जल श्रोत नहीं बढ़ रहा था जिसकी नवीन स्वीकृति दस वर्षो बाद मिला, गहरीकरण से अब तलाब कुछ वर्षो के लिए निरंतर निस्तार व व्यवसाय के उद्देश्य से सार्थक हो गया हैँ।
सरपंच लालकेश्वर सिंह ने बताया की तलाब की खुदाई अच्छी हुई जिससे यहां पर मजदूरों को मजदूरी भी प्राप्त हुआ, अब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मछली पालन कर रहीं हैँ, जिसका कर के रूप मे पंचायत को राशि दिया जा रहा है, कहा अब आस पास के सभी लोगों जीव जंतुओ को निस्तार सहित पेयजल उपलब्ध मिलेगा,
वहीं जनपद के पूर्व अध्यक्ष धर्म सिंह सरुता ने कहा की यह तलाब मेरे घर के समीप हैँ बहुत ही अच्छी गहरीकरण किया गया है जिसमे पानी भी पर्याप्त मात्रा मे हैँ कहा शासन से भविष्य मे फिनिसिंग तार से तलाब की सुरक्षा और सौंदर्यीकरण के लिए प्रतावित करना आवश्यक है । जिसमे फलदार वृक्ष लगाना आवश्यक है जिससे तलाब की सुंदरता और अच्छी हो जायेगी वहीं ग्रामीणों ने तलाब गहरीकरण की तारीफ़ करते हुए सरपंच और उनकी टीम को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया हैँ।