सूरजपुर: सूरजपुर जिले में एक 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की अमानवीय घटना सामने आई है। आरोपियों ने युवती को नशीली दवाई खिलाकर बलात्कार किया और अर्ध-बेहोशी की हालत में उसे सड़क किनारे फेंक दिया। इस घटना के बाद सबसे शर्मनाक पहलू यह रहा कि पीड़िता और उसके परिजन 48 घंटे तक न्याय के लिए भटकते रहे, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया। अंततः पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज हुआ और पीड़िता का इलाज शुरू हो सका।
पीड़िता के परिवार के अनुसार वह 12 अक्टूबर को सूरजपुर के रामानुजनगर (श्रीनगर) थाना क्षेत्र के एक गांव से दशहरा देखने घर से निकली थी। अगले दिन, उसे गंभीर हालत में राहगीरों ने सड़क किनारे बेहोश पाया और घर पहुंचाया। युवती के शरीर पर गंभीर चोटें थीं। होश में आने पर पीड़िता ने बताया कि उसके साथ पढ़ने वाले कांता सिंह और तीन अन्य लोगों ने उसे नशीली दवा खिलाई और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। जब उसने विरोध किया, तो उसकी जमकर पिटाई की गई और बाद में उसे मरा समझकर सड़क किनारे फेंक दिया गया।
घटना के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने प्रतापपुर में मुख्यमंत्री की यात्रा का हवाला देकर रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके अलावा, बिना मेडिकल लीगल केस (एमएलसी) के किसी भी डॉक्टर ने युवती का इलाज करने से मना कर दिया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अस्पताल स्टाफ द्वारा भी पुलिस को सूचित किया गया, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रेम नगर के पूर्व विधायक खेल साय सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को इस घटना की जानकारी दी। सिंहदेव ने इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करते हुए आईजी अंकित गर्ग से बात की और तत्काल रिपोर्ट दर्ज करने और एमएलसी करवाने के निर्देश दिए, ताकि पीड़िता का जल्द से जल्द इलाज हो सके। सिंहदेव ने पुलिस के गैरजिम्मेदार और अमानवीय रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। इसके बाद, देर शाम पीड़िता को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज शुरू हुआ।
टीएस सिंहदेव के निर्देश पर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल देर रात मेडिकल कॉलेज पहुंचा और पीड़िता एवं उसके परिवार से मिला। पीड़िता ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि आरोपी कांता सिंह, जो उसके साथ स्कूल में पढ़ता था, ने दवा बताकर उसे कुछ खाने को दिया। इसके बाद, अर्ध-बेहोशी की स्थिति में कांता सिंह और उसके साथियों ने उसके साथ बलात्कार किया और उसे पीटा। होश में आने पर उसने खुद को सड़क किनारे पड़ा पाया।
प्रतिनिधिमंडल और पीड़िता के परिजन अस्पताल की उपचार व्यवस्था से असंतुष्ट थे। उन्होंने बताया कि जब तक कांग्रेसी प्रतिनिधि वहां नहीं पहुंचे, तब तक युवती करीब दो घंटे स्ट्रेचर पर पड़ी रही और उसका इलाज शुरू नहीं किया गया। युवती को गंभीर चोटें आई हैं, खासकर उसकी आंख, हाथ, सिर और चेहरे पर।
कांग्रेस ने इस मामले को लेकर गंभीर नाराजगी जताई और सभी आरोपियों को तीन दिनों के भीतर गिरफ्तार नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव के चलते, अब मामले में तेजी से कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। टीएस सिंहदेव ने इस घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और मामले की त्वरित जांच एवं कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना ना सिर्फ पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को भी सामने लाती है।