ऑनलाइन डेस्क:टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दूरसंचार विभाग लगातार सिम कार्ड फ्रॉड की घटनाओं को रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं। DoT ने पिछले साल दिसंबर में 9 से ज्यादा सिम कार्ड को ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया था। हालांकि इसके बावजूद सिम कार्ड की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे कुछ खास बातों का ख्याल रखकर सिम कार्ड फ्रॉड की घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड
यूजर्स को हमेशा प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड को खरीदने से बचना चाहिए। क्योंकि वाजिब है कि प्री एक्टिवेटेड सिम किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से जारी किया गया है। वहीं आपके डॉक्यूमेंट पर दूसरे को सिम कार्ड इश्यू किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी तरह का फ्रॉड होने पर आप मुसीबत में आ सकते हैं।
ऑफिशियल स्टोर से ही खरीदें सिम
हमेशा सिम कार्ड किसी प्रमाणित जगह से खरीदें, क्योंकि किसी भी लोकल जगह से सिम कार्ड खरीने पर आपके डॉक्यूमेंट का गलत इस्तेमाल हो सकता है। अक्सर देखा जाता है कि सिम बेचने वाले आपके डॉक्यूमेंट पर दूसरे को सिम कार्ड इश्यू कर देते हैं. जिसे कोई भी क्रिमिनल घटना घटने पर आपको दोषी करार दिया जाएगा। बेहतर होगा कि एयरटेल, जियो, बीएसएनएल और वोडाफोन-आइडिया स्टोर से ही सिम खरीदें।
सिम कार्ड डिटेल करें चेक
समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए कि कहीं आपके नाम पर कोई फर्जी सिम जारी तो नहीं है। आपके आधार पर किने सिम कार्ड रजिस्टर्ड है। इसका पता लगाने के लिए DoT ने एक पोर्टल लॉन्च किया है जिसका नाम रखा गया है telecom Analytics for fraud management and consumer protection या TAFCOP। इस पोर्टल से पता लगाया जा सकता है कि कितने sim आपके नाम पर चल रहे हैं।
फ्रॉड सिम का पता लगाकर कैसे करें ब्लॉक
सबसे पहले https://www.tafcop.dgtelecom.gov.in/ वेबसाइट पर जाना होगा। और वहां अपना मोबाइल नंबर भरना होगा। उसके बाद आपको एक one time password (OTP) आएगा।
ओटीपी सब्मिट करने के बाद एक लिस्ट दिखेगी, जहां से आपको पता चल जायेगा कि आखिर आपके आधार पर कितने नंबर रजिस्टर्ड हैं।
उसके बाद आप जो नंबर आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, उसको ब्लॉक कर दीजिए। कंज्यूमर को एक ट्रैकिंग आईडी दी जाएगी, जिससे पता लगाया जा सकेगा कि आधार आधार पर अवैध नंबर इश्यू कराने वाले के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया है?