असम। बारिश का इतंजार कर रहे लोगों के चहरों तो बारिश से खिल गए लेकिन पूर्वोत्तर इसकी मार झेल रहा है। पिछले एक माह से बाढ़ से जूझ रहे असम और अरुणाचल में लोग अस्थायी कैंपों में रह रहे हैं। असम में बाढ़ की स्थिति और बदतर होती जा रही है। असम में करीब 3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं और अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

ये वीडिओ असम के मोरीगांव की है। जहां ब्रह्मपुत्र नदी का पानी गांवों में फैलने से सोमवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह से छोट-छोटे बच्चे पानी में डूबे अपने घरों से कीमती सामान बाहर निकाल रहे हैं।

भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण पशु फंसे हुए हैं, जिससे वाहनों की चपेट में आने से चोट लगने और मौत की संभावना बनी हुई है, इसलिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, कालीबोर ने आदेश जारी किया है।किसी भी प्रकार के वाहनों की गति एनएच 715 (पुराने एनएच 37) के खंड पर 20 या 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति को देखते हुए गोलाघाट के एसपी ने आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि सभी यात्री वाहन, निजी और व्यावसायिक दोनों, को हर आधे घंटे में पुलिस और बल के कर्मचारियों द्वारा संचालित की जाने वाली सख्ती से नियंत्रित गति से चलने की अनुमति दी जाएगी। पायलट वाहन बागोरी बॉर्डर और पनबारी में तैनात रहेंगे। वे नागांव पुलिस और वन कर्मचारियों के साथ समन्वय करेंगे।

असम में बाढ़ की स्थिति बद्तर होती जा रही है और जलस्तर बढ़ने की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में स्थित 233 वन शिविरों में से 26 प्रतिशत से अधिक जलमग्न हो गए हैं। वहीं भारत-चीन सीमा पर भी कई इलाकों से सड़क मार्ग का संपर्क कट गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मुताबिक बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 19 हो गई है। ईटानगर में भारी बारिश की वजह से 2 से 6 जुलाई तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

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