कोरिया: जिले के पहुंचविहीन दुर्गम क्षेत्रों तक किसानों को सुगम सिंचाई सुविधा पहुंचाने में सौर सुजला योजना महती भूमिका निभा रही है। इस जनहितैषी योजना से किसानों की खेती बाड़ी में विद्युत कनेक्शन पर निर्भरता खत्म हुई है, सोलर पम्पों के माध्यम से सुचारू रूप से किसान खेती कर रहें हैं। परम्परागत ऊर्जा के साधन से किसानों की विद्युत पर निर्भरता कम हुई है, जिससे किसान स्वयं सोलर पम्प लगाने प्रोत्साहित हुए हैं। क्रेडा विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई व्यवस्था के लिए पंप स्थापित किए जा रहा है तथा उन्हें सोलर पम्प से सिंचाई की विधि बतायी जा रही है।

क्रेडा विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखण्ड बैकुण्ठपुर में अब तक कुल 761 तथा विकासखण्ड सोनहत में कुल 1,290 सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं।सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले जिले के सोनहत विकासखण्ड के कैलाशपुर ग्राम के किसान सोमार साय बताते हैं कि उनके पास 3.7 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, कृषि के लिए पानी की कमी के चलते वे पूरी भूमि में फसल उगाने में असमर्थ थे, क्योंकि बोर के माध्यम से उन्हें बिजली पर निर्भर रहना पड़ता था। उन्होंने बताया कि उन्हें जब सौर सुजला योजना के बारे में जानकारी मिली, क्रेडा विभाग में आवेदन करने के पश्चात सोलर पम्प लगाया गया। जिससे बिजली की समस्या का निराकरण तुरन्त ही हो गया, अब वे पूरी भूमि का उपयोग कर पा रहें हैं, क्योंकि सिंचाई के लिए उन्हें भरपूर पानी मिल रहा है। इसी प्रकार ग्राम के ही रंगलाल राजवाड़े बताते हैं कि वे अपनी 4 एकड़ की पुश्तैनी जमीन में कृषि करते आ रहे हैं। सिंचाई के लिए वर्षा जल पर निर्भरता के कारण वे सिर्फ धान की ही खेती कर पाते थे, लेकिन खेतों में सोलर पम्प लग जाने से अब वे धान के साथ-साथ सब्जी-भाजी, गेंहू आदि भी लगा रहें हैं, जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है।

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