कोरिया: सरगुजा रेंज स्तर पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के अंतर्गत धारा 22, 22 (क), 27 (धारा 20 एवं 23), चेन ऑफ कस्टडी तथा जप्ती की कार्यवाही के संबंध में अधिकारियों और विवेचकों को प्रशिक्षित करना था। इस कार्यशाला में सरगुजा रेंज के प्रत्येक इकाई से पांच-पांच विवेचक शामिल हुए थे। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला कोरिया से निरीक्षक विपिन लकड़ा, उप निरीक्षक बालेश्वर महानंदी, उप निरीक्षक अनिल सोनवानी, सहायक उप निरीक्षक धनंजय सिंह और सहायक उप निरीक्षक हेमपाल सिंह ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। एसपी कोरिया, सूरज सिंह परिहार द्वारा रक्षित केन्द्र बैकुन्ठपुर के कॉन्फ्रेंस हॉल में 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के शेड्यूल को तैयार किया गया था, जिसमे जिले के सभी विवचको के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया ।

इस शेड्यूल के अनुसार 21 अगस्त 2024 को निरीक्षक विपिन लकड़ा ने थाना सोनहत और अजाक के आधे-आधे विवेचकों के साथ-साथ जिला कोरिया के पुलिस कार्यालय के समस्त विवेचकों को प्रशिक्षण दिया। अगले दिन, यानी 22 अगस्त 2024 को, उप निरीक्षक बालेश्वर महानंदी ने थाना बैकुन्ठपुर, अजाक और पटना के आधे-आधे विवेचकों को प्रशिक्षण दिया। इसके बाद, 23 अगस्त 2024 को उप निरीक्षक अनिल सोनवानी ने थाना बैकुन्ठपुर, सोनहत और रक्षित केन्द्र बैकुन्ठपुर के विवेचकों को प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण की इस श्रृंखला में 24 अगस्त 2024 को सहायक उप निरीक्षक धनंजय सिंह ने थाना पटना और चरचा के आधे-आधे विवेचकों को प्रशिक्षित किया। इसके बाद, 25 अगस्त 2024 को सहायक उप निरीक्षक हेमपाल सिंह ने थाना चरचा और रक्षित केन्द्र बैकुन्ठपुर के आधे-आधे विवेचकों को प्रशिक्षण प्रदान किया।

इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के आयोजन का मकसद विवेचना के दौरान साक्ष्यों की सुरक्षा और उनके संग्रहण में सतर्कता बरती जाए, ताकि न्यायालय में साक्ष्यों की प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सके। इस प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से विवेचकों को न केवल भारतीय साक्ष्य अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी गई, बल्कि चेन ऑफ कस्टडी और जप्ती की कार्यवाही के महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी चर्चा की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी इन महत्वपूर्ण पहलुओं को समझें और इन्हें सही ढंग से अपने कार्य में लागू करें। प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों को यह भी बताया गया कि विवेचना के दौरान साक्ष्यों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, ताकि बाद में कोई भी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत करते समय विवादास्पद न हो।अंततः, इस कार्यशाला के माध्यम से कोरिया जिले के सभी विवेचकों को एक मजबूत और सुसंगत प्रशिक्षण प्राप्त हुआ, जो उन्हें न्यायालय में विवेचना से संबंधित कार्यों को अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से पूरा करने में सहायता करेगा।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना के तहत वरिष्ठ आरक्षकों को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत अपराधों की विवेचना का जिम्मा सौंपा गया है। इस बदलाव को लागू करने से पूर्व, पुलिस अधीक्षक कोरिया  सूरज सिंह परिहार ने जिले के वरिष्ठ आरक्षकों के लिए 16 से 18 अगस्त 2024 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न अध्यायों पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। इसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध, लोक सेवकों द्वारा अपराध, संपत्ति के विरुद्ध अपराध, और अन्य मामलों पर विशेष ध्यान दिया गया। इस प्रशिक्षण ने वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना में अधिक दक्ष और कानूनी रूप से सक्षम बनाया है।

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