आशीष कुमार गुप्ता:
अंबिकापुर/सेदम:शासकीय महाविद्यालय बतौली के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय शिविर के बौद्धिक परिचर्चा में उक्त कथन प्रो. बलराम चंद्राकर ने कही। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक है। इससे न केवल व्यक्ति का धन खर्च होता है अपितु समाज में प्रतिष्ठा भी समाप्त हो जाती है इसलिए विद्यार्थियों को सभी प्रकार के मादक द्रव्यों के सेवन से दूर रहना चाहिए।
सरगुजा एक जनजातीय बहुल जिला है यहां की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि अत्यंत समृद्ध है। सांस्कृतिक परिदृश्यों के अनुरूप सभी तरह के नशा का परित्याग कर छात्रों को उचित मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।
बौद्धिक शिविर में आयोजित “नशा उन्मूलन कार्यक्रम और विद्यार्थी” शीर्षक पर आयोजित व्याख्यान में राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों के साथ प्राथमिक शाला बैगापारा एवं परसाढाब के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने सहभागिता किया। अतिथियों का स्वागत बी.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा श्यामपति खलखो एवं सहेलियों के द्वारा स्वागत गीत गाकर किया गया। व्याख्यानमाला में प्राथमिक शाला बैगापारा के प्रधान पाठक बालेश्वर पन्ना एवं प्राथमिक शाला परसाढाब के प्रधान पाठक सुभाष राम पैकरा, शिक्षिका फुल कुमारी पैकरा एवं महाविद्यालय के अतिथि व्याख्याता गोपाल प्रधान उपस्थित थे।
इससे पूर्व शिविर के छात्र छात्राओं के द्वारा ग्राम के किनारे बने हुए नालियों एवं पेयजल स्थल के आसपास का साफ सफाई एवं जीर्णोद्धार किया गया।बौद्धिक परिचर्चा में प्रत्येक दिवस अलग अलग विषयों पर व्याख्यान हो रहा है जिससे विद्यार्थी शिक्षा के अतिरिक्त अन्य समसामयिक विषयों और समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर समृद्ध हो रहें हैं।
ज्ञात हो कि शासकीय महाविद्यालय बतौली की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय शिविर ग्राम पंचायत घोघरा में 7 जनवरी को प्रारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत घोघरा के उपसरपंच जम्हर केरकेट्टा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य बी.आर. भगत ने किया। शिविर के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. तारा सिंह ने बताया कि शिविर से न केवल छात्रों का व्यक्तित्व विकास होता है अपितु ग्रामीण जनों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त होता है और उनका समाधान करने के लिए कार्य योजना बनाने में भी सहायता मिलती है। राष्ट्रीय सेवा योजना के इस सात दिवसीय शिविर में महाविद्यालय के 25 विद्यार्थी शामिल हैं जिनमें 12 छात्र और 13 छात्राएं सम्मिलित हैं।