आशीष कुमार गुप्ता
अंबिकापुर/सेदम: सरगुजा जिला की कड़कड़ाती ठंड से स्कूली बच्चे परेशान हो रहे हैं, दो पालियों में लग रहे स्कूल बच्चों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
गौरतलब है कि स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बतौली की कक्षाएं सुबह पाली में लगने से खास करके छोटे छात्र -छात्राओं को परेशानियों का सामना करना हर रोज पड़ रहा है
विगत 2 वर्षों से संचालित स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बतौली में भवन की समस्याएं बरकरार है ,अभी भी स्वामी आत्मानंद की कक्षाएं शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बतौली के भवन में लग रही है, बच्चों को बैठने की समस्या के कारण दोनों ही स्कूलों में कक्षाएं दो पालीयो में संचालित की जा रही है, सुबह की पाली में 7: 15 से 11:30 बजे तक स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम बतौली की कक्षाएं संचालित की जाती है ,वहीं दूसरी पाली में 11:45 से 4:30 तक शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बतौली की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं जिससे दो पालियों में लग रही स्कूल से छात्र -छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अभिभावक भी हो रहे परेशान
सरगुजा की कड़कड़ाती ठंड में बच्चों को तैयार कर सुबह स्कूल भेजना अभिभावकों को भी परेशानी में डाल रखा है गर्म कपड़े पहन ने के बाद भी बच्चे ठंड में ठिठुर रहे हैं।छात्र -छात्राओं को समय पर तैयार करना अभिभावक को भारी पड़ रहा है साथ में स्कूल लेट पहुंचने पर बच्चों को डांट फटकार सुनना पड़ता है, जिससे बच्चों को मानसिक दबाव भी झेलना पड़ता है।शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा संचालन हेतु कमरे रहने के बाद भी छात्र छात्राओं को बैठने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे दो पालियों में कक्षा संचालित करना स्कूल प्रबंधन के लिए मजबूरी बन गया है। 52 कमरा रहने के बाद भी 30 कमरा में ही कक्षा संचालित हो पा रहे हैं 7कमरा स्टोर रूम बैठक रूम है बाकी के 15 कमरे देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ा हुआ है जहां पूर्व में अधिकारियों द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय बतौली को संचालित करने दिया गया था , खराब अवस्था में छोड़कर जवाहर नवोदय विद्यालय बतौली को अंबिकापुर में स्थानांतरित कर दिया गया है जिसे बाद में बालक उच्च विद्यालय बतौली स्कूल प्रबंधन द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय का मरम्मत कराया गया है जहां अभी लगभग डेढ़ सौ डेस्क ब्रेंच की आवश्यकता है जिससे कक्षाओं का संचालन एक ही समय में किया जा सकता है।दो पालियों में दोनों ही स्कूल के समय के कारण दूरदराज से आने वाले छात्र छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अलाव का ले रहे सहारा
सुबह की पाली में स्कूल लगने से स्कूली बच्चे ठंड के कारण आग जलाकर तापते रहते हैं जो बच्चो के लिए समस्याएं ही उत्पन्न करती है
कलेक्टर कुंदन कुमार द्वारा स्वामी आत्मानंद स्कूल का निरीक्षण किया गया था जिनके द्वारा स्कूल की परेशानी को दूर करने डेस्क -बेंच उपलब्ध कराने की बात कही थी लेकिन आज भी छात्र-छात्राओं की समस्या बरकरार है जनप्रतिनिधि और अधिकारीयो की उदासीनता बच्चो के लिए मजबूरी बना हुआ है।अभिभावक एवम् छात्र-छात्राओं द्वारा शासन प्रशासन से डेस्क बेंच की मांग की गई है।