बलरामपुर: जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का बजट मोदी के गारंटी के नाम पर सिर्फ सुनहरे वादों का ढोल पीटने वाला बजट है। इस बजट में केवल सब्जबाग दिखाए गए हैं। बजट में जितने सुनहरे सपने दिखाए गए हैं, उन सपनों को कैसे पूरा किया जाएगा ? इसका कोई रोड मैप बजट में नहीं है। बजट का आकार बढ़ाने और राजस्व वृद्धि के दावे पूरी तरह खोखले हैं।सुनील सिंह ने कहा है कि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। भाजपा संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण का मुद्दा उठाती रही है। इस मुद्दे पर भी कोई बात नहीं की गई। बजट में शहरों के विकास के लिए ठोस प्लान नहीं है। कुल मिलाकर यह बजट बेहद निराशाजनक बजट है। इस बजट से छत्तीसगढ़ की जनता के सपने पूरे नहीं होंगे। बजट में केवल जुमलेबाजी की गई है। बजट से भाजपा की बदनीयती सामने आई है। मोदी की गारंटी के नाम पर छत्तीसगढ़ की बहन बेटियों को एक बार फिर छला गया। इस बजट में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत पूरे 1 वर्ष के लिए कुल बजट प्रावधान मात्र 3000 करोड़ रूपए अर्थात ढाई सौ करोड़ रूपए हर माह प्रदेश में कुल महिला मतदाताओं की संख्या लगभग एक करोड चार लाख है, भारतीय जनता पार्टी के साय सरकार के द्वारा किए गए बजट प्रावधान से मात्र 25 लाख महिलाओं को ही 1000 रुपया महीना दिया जा सकेगा, अर्थात भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव साय सरकार की मंशा प्रदेश के लगभग 80 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना से बाहर रखने का है। बजट के अनुसार तो 25 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 1000 रूपया महिना मिल सकता है,लेकिन जिस प्रकार से साय सरकार षडयंत्र पूर्वक शर्ते लाद रही है। उससे लगता है कि 20 प्रतिशत महिलाओं को भी लाभ देने की इनकी नीयत नहीं है।
बजट से साफ है कि साय सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि नहीं है। विष्णुदेव सरकार का पहला बजट जनता को निराश करने वाला है। इस बजट से राज्य की प्रगति के मार्ग में बाधा पैदा होगी। कृषि और शिक्षा के बजट में कटौती बताती है कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता में न शिक्षित छत्तीसगढ़ नहीं है और न हीं समृद्ध छत्तीसगढ़। एक लाख रोजगार के बारे में बजट में कुछ है और न ही 500 में सिलेंडर के बारे में कुछ है।साय सरकार का पहला बजट आम जनता के अपेक्षा और उम्मीदों के विपरीत घोर निराशाजनक रहा है, ना इसमें युवाओं के रोजगार के संदर्भ में कोई रोड मैप दिख रहा है, ना ही महंगाई से निपटने कोई ठोस रणनीति है। 1 लाख़ युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा था, लेकिन बजट में नई नौकरियों के लिए कोई प्रावधान नहीं हैं, उल्टे बेरोजगारी भत्ता की राशि खा गए। कॉलेज जाने वाले छात्रों से वादा था यात्रा भत्ता देने का जिसके लिए कोई बजट प्रावधान नहीं है। 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा करने वाले भाजपाई गैस सब्सिडी के लिए एक रुपए का भी बजट प्रावधान नहीं कर पाए हैं।
छत्तीसगढ़ की विधानसभा में वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत आज का बजट अभिभाषण पूरी तरह से भाजपा के चुनावी जुमलो की तरह ही था। झूठ और लफ्फाजी के कसीदे पढ़े गए। मोदी की चरण वंदना में समर्पित इस बजट में छत्तीसगढ़ के प्रति केंद्र सरकार की अपेक्षा और भेदभाव का कोई जिक्र नहीं था। कुल मिलाकर या झांसे का बजट है और छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ अन्याय करने वाला बजट है केंद्रीय करों में रोके गए राज्य की हिस्सेदारी और कोल की रायल्टी के पेनल्टी का पैसा वर्षों से लंबित है उस पर एक शब्द भी नहीं बोल पाए।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के द्वारा प्रस्तुत पिछले बजट में छत्तीसगढ़ में चार-चार नए मेडिकल कॉलेज खोलने की व्यवस्था दी गई थी इस बजट में एक भी नया मेडिकल कॉलेज या इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का प्रावधान नहीं है। 25 लाख तक विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना संचालित थी, हमर अस्पताल, हमार लैब, हाट बाजार क्लिनिक, मोहल्ला क्लीनिक, स्लम स्वास्थ्य चिकित्सा योजना संचालित थी। पिछले बजट में 19488 करोड़ का प्रावधान शिक्षा के लिए रखा गया था जो कुल बजट का 19.4 प्रतिशत था इस बजट में यह राशि घटाकर 15.95 प्रतिशत कर दिया गया है। जो लक्ष्य या जीडीपी दुगना करने का बताया जा रहा है, पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने करके दिखाया है।
राज्य की जीएसडीपी 2017-18 में मात्र 2 लाख़ 70 हजार करोड़ थी जो बढ़कर पूर्ववर्ती कांग्रेस के शासनकाल में ही 5 लाख 9 हजार करोड़ तक हो गया, अर्थात कांग्रेस के 5 साल में राज्य का जीडीपी दुगुना हुआ था। विगत 3 वर्षों से प्रदेश सरकार ने कोई नया कर्ज नहीं लिया था, भाजपा की सरकार आते ही पिछले 2 महीने में चार बार नया कर्ज लिया गया, 5000 करोड़ से अधिक का नया कर्ज अब तक विष्णु देव साय सरकार ले चुकी है। 2022-23 में राजस्व आधिक्य 2661 करोड़, 2023-24 में 3500 करोड़, इस बार राजस्व आधिक्य घटकर मात्र 1060 करोड़। कुल मिलाकर विष्णुदेव साय सरकार ने अपने पहले बजट से जनता को सुनहरे वादे दिखाकर सिर्फ ढोल पीटने के अलावा और कुछ नहीं दिया है सरकार छत्तीसगढ़ के आम जनों के उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाई है।