सूरजपुर। जिला सत्र न्यायालय सूरजपुर के न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल ने एक जघन्य अपराध में दोषी पाए गए आरोपी को दोहरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह मामला थाना रामानुजनगर क्षेत्र का है, जहां दो वर्ष पूर्व एक नाबालिग के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था।
आरोपी ने रात्रिकाल का लाभ उठाकर नाबालिग पीड़िता को बहला-फुसलाकर उसके साथ जबरन बलात्कार किया। अपराध की जानकारी परिवार और गांव वालों को न हो, इसके लिए आरोपी ने साक्ष्य छुपाने की मंशा से पीड़िता को गांव से दूर खेत में बने कुएं में फेंककर उसकी हत्या कर दी। घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया था।
पुलिस ने घटना के बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376 और पॉक्सो अधिनियम 2012 की धारा-4 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया। जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ धारा 376 (घ), 302, 201, 34 और पॉक्सो एक्ट की धारा-6 के तहत आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
विशेष लोक अभियोजक श नरेश कुमार कौशिक ने प्रकरण की पैरवी करते हुए अदालत में ठोस साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए। न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए उसे भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट के तहत दोहरी आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला न्यायाधीश शगोविंद नारायण जांगड़े के दिशा-निर्देश में नियमित रूप से साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में आम जनता को यह बताया जाता है कि नाबालिगों के साथ संबंध बनाना या शादी करना कानूनन अपराध है। पॉक्सो एक्ट और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत यह दंडनीय है।