अम्बिकापुर: जिले में अल्प वर्षा की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्कता से जरूरी कदम उठा रही है। राज्य शासन के निर्देशानुसार वर्षा का नजरी आकलन किया जा रहा है। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कहा है कि अल्प वर्षा प्रभावित क्षेत्रों को शासन के नियमानुसार ही सूखाग्रस्त घोषित किया जाएगा। जिला प्रशासन सभी क्षेत्रों के किसानों के साथ समान रूप से उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्य सचिव द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि फसल की स्थिति का नजरी आंकलन राजस्व विभाग द्वारा प्रेषित सूची में उल्लेखित तहसीलों तक सीमित नहीं है बल्कि प्रत्येक तहसील या उसके भाग में यदि फसल की विपरीत स्थिति की संभावना हो तो उसका नजरी आंकलन किया जाएगा। राज्य शासन किसानों की समस्या का निराकरण करने हेतु प्रतिबद्ध है और उसी मंशानुसार अल्प वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए नजरी आंकलन की कार्यवाही की जा रही है। जिले के किसी भी क्षेत्र के किसानों के साथ कोई भेदभाव शासन के द्वारा नहीं किया जा रहा है। द्वितीय चरण के तहत फसल के क्षति का नजरी आंकलन करने के पश्चात किसानों को राहत पहुंचाने हेतु प्रशासन द्वारा नियमानुसार आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

डिप्टी कलेक्टर एवं भू-अभिलेख शाखा के प्रभारी अधिकारी नीलम टोप्पो ने बताया है कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एवं राहत आयुक्त द्वारा जिले के तहसील लुण्ड्रा, दरिमा, बतौली, अम्बिकापुर, मैनपाट एवं सीतापुर में 1 अगस्त 2022 की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम औसत वर्षा दर्ज किये जाने का उल्लेख करते हुए उक्त तहसीलों का राहत मैन्युअल 2020 के प्रावधान अनुसार फसलों का राजस्व, कृषि तथा उद्यानिकी अधिकारियों से नजरी आंकलन कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही जिन तहसीलों में पूर्व में अधिक वर्षा हुई है किन्तु बाद में वर्षा नहीं होने के कारण फसल क्षति होने की संभावना है ऐसे तहसीलों का भी नजरी आंकलन करा कर सूखा घोषित करने हेतु नियमानुसार प्रस्ताव शासन को प्रेषित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। 1 अगस्त 2022 की स्थिति में जिले की विभिन्न तहसीलों में वर्षा की स्थिति औसत वर्षा के आधार पर ही 60 प्रतिशत से कम औसत वर्षा वाले तहसीलों का नजरी आकलन करने के निर्देश दिये गये हैं। जिले की अन्य तहसीलो उदयपुर व लखनपुर में क्रमशः 66.90, 79.90 प्रतिशत औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो 60 प्रतिशत से अधिक है। इन तहसीलों में भी पूर्व में अधिक वर्षा एवं बाद में वर्षा नहीं होने के कारण फसल क्षति होने की सम्भावना पर नजरी आकलन किया जा रहा है। यदि सूखा संहिता 2020 में निर्धारित संकेतांक पाये जाते है तो नियमानुसार सूखा घोषित किये जाने हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा।

शासन के निर्देशानुसार तहसील लुण्ड्रा, दरिमा, बतौली, अम्बिकापुर, मैनपाट, सीतापुर में राहत मैनुअल 2020 के प्रावधान अनुसार फसलों का राजस्व, कृषि व उद्यानिकी विभाग अधिकारियों के द्वारा नजरी आंकलन की कार्यवाही की जा रही है जिसका निरीक्षण जिला एवं संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा विगत दिवस किया गया।


इस आधार पर घोषित होता है सूखा क्षेत्र- सूखा संहिता 2020 के अनुसार सूखा क्षेत्र घोषित करने के के लिए 4 संकेतांक निर्धारित हैं जिनमें वर्षा संबंधी संकेतांक, रिमोट सेंसिंग आधारित वनस्पति संकेतांक, फसल की स्थिति से संबंधित संकेतांक तथा जल विज्ञान संकेतांक शामिल हैं। सूखा आपदा की गम्भीरता के आकलन के लिए चार में से किन्हीं तीन संकेतांको पर विचार कर निर्णय लिया जाता है। कम वर्षा या अल्प वर्षा एवं खरीफ फसलों के तहत् कुल बोया गया क्षेत्र जुलाई एवं अगस्त के अंत तक कुल सामान्य बोवाई के क्षेत्र के 85 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में सूखा क्षेत्र घोषित किया जाता है। फसल के नुकसान के आधार पर सूखे की तीव्रता को गम्भीर या मध्यम के रूप में आंकने के लिए क्षेत्र सत्यापन अभ्यास में 50 प्रतिशत से अधिक की फसल के नुकसान का पता चलता है तो सूखे की तीव्रता को मध्यम से गम्भीर श्रेणी में अपग्रेड किया जाता है।

तहसीलों में वर्षा की स्थिति- 1 अगस्त 2022 की स्थिति में पिछले 10 वर्ष की औसत वर्षा का प्रतिशत जिले के तहसील अम्बिकापुर में 50.90, दरिमा में 34.20, लुण्ड्रा में 19.70, सीतापुर में 48, लखनपुर में 79.90, उदयपुर में 66.90, बतौली में 38.80 तथा मैनपाट में 52.10 प्रतिशत औसत वर्षा दर्ज की गई है। इसी प्रकार 3 अगस्त 2022 की स्थिति में तहसील अम्बिकापुर में 52.30, दरिमा में 32.80, लुण्ड्रा में 19.20, सीतापुर में 54, लखनपुर में 75, उदयपुर में 65, बतौली में 38.50 तथा मैनपाट में 51.70 प्रतिशत औसत वर्षा दर्ज की गई है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!