अंबिकापुर: सरगुजा सम्भाग के समस्त जिलों में राजस्व प्रकरणों तथा राजस्व वसूली की समीक्षा हेतु सरगुजा सम्भाग आयुक्त जी आर चुरेंद्र ने जिला कलेक्टरेट के स्वान कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्भाग के समस्त जिलों के कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार की बैठक ली।
इस दौरान सरगुजा संभाग अंतर्गत 31 मई 2024 तक की स्थिति में राजस्व प्रकरणों तथा राजस्व वसूली की समीक्षा की गई। बैठक में संभागायुक्त श्री चुरेन्द्र ने समस्त न्यायालयों के प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने विवादित एवं अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों की जानकारी ली तथा लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द समय सीमा में निराकरण करने निर्देशित क़िया। प्रकरणों की जिलेवार समीक्षा के दौरान कहा कि प्रकरणों के निराकरण में राजस्व अमले के साथ ही साथ सीईओ जनपद पंचायत भी इसके प्रति गम्भीर हो जाएं। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, कोटवारों का प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन करें और आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराते हुए ग्राम पटेल एवं कोटवारों को उनके अधिकार, शक्ति, दायित्व से अवगत कराएं, ताकि टीम भावना के साथ अच्छे से कार्य हो सके।
डायवर्सन प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि आरआई, पटवारी के माध्यम से सभी मुख्यालयों में सर्वेक्षण करवाएं। श्री चुरेंद्र ने सभी जिलों में बंदोबस्त त्रुटि सुधार के मामलों की जानकारी ली तथा कहा कि बंदोबस्त त्रुटि के प्रकरण वाले ग्रामों को चिन्हांकित कर कैम्प के माध्यम से प्रकरण निराकृत करने कार्ययोजना बनाएं, तहसीलदार ग्रामों में कैम्प कोर्ट करके सुनवाई करें। विवादित एवं अविवादित बंटवारे के मामलों की सभी तहसीलदार लिस्टिंग कर 2 माह के भीतर निराकृत करना सुनिश्चित करें। अतिक्रमण प्रकरणों के सम्बन्ध में श्री चुरेंद्र ने कहा कि शासकीय भूमि में कब्जों को हटाने हेतु कार्ययोजना बनाकर ग्राम में बी 1 खसरा पठन करें, इस दौरान पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, कृषि विभाग के अधिकारियों को भी शामिल करें। शासकीय भूमि की सुरक्षा हमारा विशेष दायित्व है, इसलिए राजकीय भूमि की खोज, पहचान एवं संरक्षण अभियान चलाएं। वहीं लोक प्रयोजन के स्थलों को ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा के सहयोग से कब्जा मुक्त करना है। इस दौरान आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र की स्थिति,170(ख) के प्रकरणों का निराकरण की स्थिति, निराकृत प्रकरणो की अभिलेखागार में जमा करने की स्थिति, भू-अर्जन प्रकरणों में आदेश पारित पश्चात् रिकार्ड दुरूस्ती किये जाने की स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी ली गई। विविध वसूली,अर्थदण्ड वसूली ,राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि बैंक वसूली के मामलों में तहसीलदार एक्टिव हो जाएं।
इसके साथ ही संभागायुक्त श्री चुरेन्द्र ने बैठक में कहा कि राजस्व प्रशासन में कैम्प कोर्ट करना आवश्यक है, जिससे प्रकरणों का निराकरण में तेजी आएगी, इसलिए सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने मुख्यालय में निवास करना सुनिश्चित करें। अंतर्विभागीय समन्वय बनाने एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है, राजस्व अधिकारी सूचना तंत्र विकसित करें। राजस्व अधिकारी की भूमिका समन्वय एवं सहयोग की है, जिसे निभाएं।