अम्बिकापुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री व स्थानीय विधायक टीएस सिंहदेव की मंशानुरूप जिले के कोयला खनन प्रभावित गांवों में जिला प्रशासन द्वारा गांव की आवश्यकता एवं ग्रामीणों की मांग के अनुसार विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में उदयपुर विकासखण्ड के खनन प्रभावित गांवों में विकास के नए आयाम स्थापित करने की सार्थक पहल की जा रही है। पहले चरण में उदयपुर विकासखण्ड के 3 खनन प्रभावित गांव में सीसी रोड, स्कूल, आंगनबाड़ी भवन सहित अन्य निर्माण एवं विकास कार्यां के लिए करीब तीन करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। सम्बंधित एजेंसी द्वारा शीघ्र ही इन गांवों में निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। खनन प्रभावित गांव के लोगों की बरसो पुरानी मांग पूरा होने व कई गांवों में एक साथ इतनी बडी राशि के विकास कार्यों की सौगात मिलने से क्षेत्र में खुशी का माहौल है। इन दिनों सरगुज़ा में लोक पर्व करमा की भी धूम है ऐसे में इन गांवों के लोगों मे करमा पर्व को लेकर उत्साह दोगुना हो गया है।
इन कार्यों की मिली स्वीकृति- ग्राम साल्ही में नवीन पंचायत भवन निर्माण, 3 सीसी रोड, 5 पुलिया निर्माण, 2 पीडीएस भवन एवं 1 नाली निर्माण, ग्राम घाटबर्रा में 3 सामुदायिक भवन निर्माण, 5 सीसी रोड निर्माण एवं 3 देवगुड़ी निर्माण, माध्यमिक शाला सैदु का उन्नयन कार्य, ग्राम परासा में 1-1 नग आंगनबाड़ी भवन एवं पीडीएस भवन निर्माण, 1 सीसी रोड, हाई स्कूल परसा में अहाता निर्माण, प्राथमिक शाला भुसडी पारा में अहाता निर्माण, खेल मैदान में अहाता निर्माण तथा 2 देवगुड़ी में अहाता निर्माण कार्य शामिल है।
विकास पहुंचाने शासन-प्रशासन प्रतिबद्ध-
कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की मंशानुरूप जिले के खनन प्रभावित गांव में विकास की धारा बहाने शासन-प्रशासन प्रतिबद्ध है। प्रभावित गांव के लोगों की विकास परक जो भी मांग होगी प्रशासन उसे तत्काल स्वीकृति देगी और उस कार्य को पूरा कराने राशि की भी व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा है कि प्रभावित गांव के निवासी गांव के विकास, वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकता एवं सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन से मांग कर सकते है।
शेष गांव में भी जल्द शुरू होंगे विकास कार्य-
कलेक्टर शकुन्दन कुमार ने बताया है कि खनन प्रभावित गांव में ग्रामीणों की मांग को तत्काल स्वीकृत किया जा रहा है। अभी पहले चरण में खनन प्रभावित 5 गांव में डी.एम.एफ व सी.एस.आर. मद से 3 करोड़ के कार्य स्वीकृत किया गया है। प्रभावित शेष गांव में भी विकास कार्य जल्द शुरू करने कार्ययोजना तैयार करने अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा है कि खनन प्रभावित शेष गांवों में भी जल्द निर्माण एवं विकास कार्य के हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दी जाएगी। खनन प्रभावित गांवों में विकास के कार्य सतत रूप से जारी रहेगा।
संवाद कायम रखने के प्रयास-
कलेक्टर कुन्दन कुमार ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में विकास के लिए वहां की स्थानीय आवश्यकता की जानकारी होना जरूरी है और इसके लिए स्थानीय लोगां से संवाद जरूरी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों का प्रशासन के साथ संवाद स्थापित स्थापित करने के प्रयास को बल दिया गया। इसके लिए अपर कलेक्टर एएल ध्रुव, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जेआर नागवंशी और उदयपुर के जनपद सीईओ पारस पैंकरा को स्थानीय लोगों से संवाद कर गांव की आवश्यकता व समस्या जानने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इन तीनां अधिकारियों के द्वारा उदयपुर विकासखण्ड के खनन प्रभावित गांव का लगातार दौरा कर वहां के लोगों से बातचीत की और उनकी मांगों व समस्या की जानकारी लेकर जिला कार्यालय को अवगत कराया गया।