अम्बिकापुर: मुख्य वनसंरक्षक सरगुजा वनवृत्त अनुराग श्रीवास्तव के निर्देशन में वृत्त स्तरीय मांसाहारी एवं शाकाहारी वन्य प्राणियों के उपस्थिति की प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष साक्ष्य की पहचान एवं ट्रेप कैमरा के संचालन की विधि का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन वन सभागार में आयोजित किया गया।प्रशिक्षण में विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डब्लू.डब्लू.एफ. इंडिया के सीनियर प्रोजेक्ट ऑफिसर उपेन्द्र कुमार दुबे के द्वारा मांसाहारी एवं शाकाहारी वन्यप्राणियों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष साक्ष्य की पहचान एवं ट्रेप कैमरा संचालन विधि का तकनीकी प्रशिक्षण विस्तारपूर्वक प्रदान किया गया।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से वनक्षेत्रों में उपस्थित और शिकार करने वाले वन्यप्राणियों के विभिन्न पद्धतियों से पहचान करना आसान होगा। विभिन्न वनक्षेत्रों में वन्यप्राणियों की उपस्थिति की पहचान व निगरानी तथा उसके स्कैट, वृक्षों में किया हुआ नाखूनों का स्क्रैच, विभिन्न प्रकार के अलग-अलग पगमार्क इत्यादि साईन से पहचान करना फ्रंट लाईन स्टॉफ के लिये आसान होगा। वन्यप्राणियों की मौजूदगी का साक्ष्य व वन्यजीवों के प्रजातियों की सही पहचान हो सके इसी को ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसके साथ ही आने वाले दिनों में कही मांसाहारी वन्यजीवों द्वारा पालतू मवेशियों का शिकार होता है तो ट्रेप कैमरे लगाकर वन्यजीवों की निगरानी एवं पहचान करना सरल और आसान होगा। प्रशिक्षण सह कार्यशाला को वनमण्डलाधिकारी श्री पंकज कमल ने भी संबोधित किया।
प्रशिक्षण सह कार्यशाला में उप वनमंडलाधिकारी विजयेंद्र सिंह ठाकुर, शैलेन्द्र अम्बस्ट, वन परिक्षेत्राधिकारी गजेन्द्र दोहरे, हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे एवं सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, कोरिया, मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल के अधिकारी, एलीफेंट रिजर्व सरगुजा एवं गुरु घासीदास नेशनल पार्क के फ्रंट लाईन स्टॉफ उपस्थित रहे।