बलरामपुर: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय एकल प्लास्टिक मुक्त दिवस के अवसर पर कलेक्टर रिमिजियुस एक्का के नेतृत्व एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रेना जमील के मार्गदर्शन में जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध हेतु जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। ग्रामीणों को सिंगल यूज प्लास्टिक के जीवन पर पड़ने वाले दुष्परिणाम को रैली, रंगोली, नारा, लेखन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक की भिक्षा मांगकर स्वच्छाग्रहियो ने ग्रामीण अंचलो मंे जागरूकता अभियान चलाया। जनपद पंचायत शंकरगढ़ के ग्राम महुआडीह, जनपद पंचायत वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत करमडीहा में स्वच्छाग्रही महिलाआं ने जागरूकता रैली निकाल कर, घर-घर से प्लास्टिक की भिक्षा लेकर लोगों को जागरूक किया। साथ ही ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव वार्ड पंचो के साथ ग्रामीणों ने प्लास्टिक मुक्त ग्राम बनाने हेतु ब्लॉक समन्वयक एवं अन्य लोगों ने शपथ ली।
जागरूकता अभियान चलाने का उद्देश्य प्लास्टिक के दुष्परिणाम को बताना है कि प्लास्टिक को अपघटित होने में कई वर्ष लग जाते हैं, इसलिए यह पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया है। यदि प्लास्टिक को अपघटित करने के लिए जलाया जाता है तब यह भारी मात्रा में विषैले धुंए को उत्सर्जित कर पर्यावरण को प्रदूषित करता है, इतना ही नहीं प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल करनें से कैंसर का भी कारण बन सकता है, खासकर प्लास्टिक की पॉलिथीन में रखी गरम चीज खाने या पीने से कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि प्लास्टिक में बिस्फिनॉल (बीपीए) नाम का केमिकल होता है। प्लास्टिक में कैडमियम, पारा आदि जैसे रसायन का मिश्रण होता है जिससे मानव शरीर के सीधे संपर्क में आने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, जो कोशिकाओं की संरचना में बदलाव करके कैंसर का खतरा बढ़ा देता है।
प्लास्टिक की रोकथाम के लिए सामुदायिक जागरूकता सबसे अहम कदम है। समुदाय का हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी तय करे कि हमें दैनिक कार्य में कम से कम सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करना है इसके स्थान पर अन्य विकल्प जो उपलब्ध हैं उनका उपयोग करना है। दूसरा सिंगल यूज प्लास्टिक के रियूज पर भी हमें जागरूक होने की आवश्यकता है।
जीव जंतुओं पक्षियों पर भी प्लास्टिक के दुष्परिणामों को देखा जा सकता है। गाय बैल बकरी के द्वारा प्लास्टिक की पॉलीथिन खाने से बड़ी संख्या में मृत्यु हो रही हैं, ठीक उसी प्रकार पक्षियों एवं जल जीवन पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक मृत्यु का कारण बन रहा है।