रायपुर।मनुष्य आज अपने पैसों से पानी खरीदकर पानी की जरूरत पूरी कर सकता है, किन्तु बेजुबान पक्षी भीषण गर्मी में झुलस जाते हैं तथा प्यास से भूख से तडप-तडपकर मौत के मुंह में समा जाते हैं, क्याेंकि गर्मी में ताल-तलैय्या व जल स्त्रोतों के सूख जाने से पानी के लिए पक्षियों को जूझना पडता है, इसलिए आओ हम उन बेजुबान पक्षी की आवाज़ बन जायें, और अपने घर की मुंढेर पर सकोरा बांधकर उसमें पानी रखें ताकि पक्षी अपनी प्यास बुझा सके और अपने छत व घर के आंगन में अन्न के दाने बिखेरे ताकि वे अपनी भूख मिटा सकें और पक्षियों का जीवन बचाया जा सके। यह उद्गार,स्वामी आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालपुर में आयोजित पक्षी बचाओ अभियान के कार्यक्रम में प्राचार्य अंजुलता सारस्वत व्यक्त कर रही थी।
पक्षी के प्रतीक के रूप राष्ट्रीय पक्षी मयूर की वेशभूषा में छात्रा जन-समुदाय में पक्षियों के प्रति जागृति लाकर लुप्त हो रही पक्षीयों को बचाने का हर संभव प्रयास करने का आग्रह कर रही थी।


एमएड. छात्राध्यापक राकेश कुमार रजक ने स्कूल परिसर में,पक्षियों का मानव जीवन, पर्यावरण व प्रकृति में योगदान के महत्व  को विद्यार्थियों को बताया। बीएड छात्राध्यापक पार्वती ध्रुव ने पक्षियों की सेवा को ही ईश्वर की सेवा कहा। बीएड. छात्राध्यापक हेमधर साहू ने पक्षी बचाओ-पक्षी बचाओ,सेव बर्ड-सेव बर्ड के नारे लगाते हुए विशाल मानव श्रृंखला बनाकर, पक्षियों की पीडा के प्रति चिंता जताते हुए, पक्षियों का घरौंदा हेतु तथा आराम करने हेतु अधिक से अधिक पौधारोपण करने का आह्वान किया क्योंकि एक पेड़ लाखों जीव-जन्तु व पक्षियों का आश्रय स्थल होता है। बीएड. छात्राध्यापक नीरज बघेल ने कहा कि पक्षियों को खुले आसमान में उडने का मौलिक अधिकार है, परंतु आज एयर ट्रैफिक, मोबाइल टावर से निकलने वाली किरणों-तरंगों ने पक्षियों के अस्तित्व पर संकट  तो ला ही दिया है, जल संकट व भीषण गर्मी पक्षियों का हाल-बेहाल कर दिया है। बीएड. छात्राध्यापक अरविंद कुमार मोदेकर ने कहा कि आओ इंसान से फरिस्ते बन जायें, और बेजुबान पक्षी को बचाने, उनकी आवाज बन जाये। कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्राचार्य अंजुलता सारस्वत को हर्ष-हर्ष जय का हर्ष घोष करते हुए मंच तक लाया गया, मंच पर प्राचार्य अंजुलता सारस्वत ने सकोरों का वितरण किया तथा पक्षियों के संरक्षण हेतु बच्चों को संकल्पित किया।


बीएड छात्राध्यापक हेमधर साहू ने फुर-फुर करते नील-गगन में, हम पंछी’ कहलाते है हमें बचाओं, हमें बचाओं,आज हम चिल्लाते हैं आज हम चिल्लाते है  के गीत पर सभी विद्यार्थी पक्षी के पंख की तरह हाथों को फैलाकर नृत्य-अभिनय करके पृथ्वी की धरोहर, रंग-बिरंगी सुन्दर मनोहर पक्षियों के संरक्षण के लिए व समुदाय को आह्वान कर रहे थे। पक्षी बचाओं अभियान के उक्त कार्यक्रम में संकुल समन्वयक फलोरेंस तिर्की, मिडिल स्कूल प्रधानपाठक देवेन्द्र अगलावे, प्राथमिक प्रधानपाठक हरीश कटारे व शिक्षिका सुषमा कुलकर्णी, मोनिका प्रधान, महिमा सिंह, निरंजना रामटेके, कविता सरकार, पूर्णिमा साहू शिक्षक प्रमोद कुमार साहू, शिक्षिका सुजाता देवांगने मनीषा गायकवाडे, राधा क्षत्रिय, शिक्षक आकेश सिन्हा,अरूण राय, गोकुल साहू प्रदीप यदु सतीश सोनी, सोनम यादव, एकेश्वरी, रंजना वर्मा, खेलन दीवानगी एड छात्राध्यापक चंद्रकला जैन, जसवन्त टोडरे,दुर्गा घरेन्द्र, गिरिजा साहू,दीपेश देवांगन अरविंद कुमार मोदेकर,प्यारेलाल कंवर, अमरनाथ मर काम, नीरज बघेल, पार्वती ध्रुव, हेमधर साहू ने सराहनीय योगदान दिया।

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