रायपुर: राज्य में स्वाइन फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को रायपुर में चार समेत प्रदेश में छह नए मामले सामने आए। प्रदेश में इस समय स्वाइन फ्लू के 73 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें सर्वाधिक 33 रायपुर हैं। महज डेढ़ महीने में ही स्वाइन फ्लू के कुल पीड़ितों की संख्या 296 पहुंच गई है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य सचिव को बैठक लेकर आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अस्पतालों में आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराने को भी कहा है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों केअनुसार प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा है और इसका इलाज भी कराया जा सकता है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए इन्फ्लूंजा वैक्सीन भी उपलब्ध है।

एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा ए के कारण होने वाले स्वाइन फ्लू के वायरस का प्रसार वायु कणों व संक्रमित वस्तुओं को छूने से होता है। इसका प्रसार रोकने के लिएसावधानी जरूरी है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण भी कोरोना के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। इसमें खांसी, बलगम आना, गले में दर्द या खराश, जुकाम और कुछ लोगों को फेफड़ों में इंफेक्शन होने पर सांस चढ़ने लग जाती है। जिनको इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें तुरंत स्वाइन फ्लू के साथ कोरोना की भी जांच कराना चाहिए।

छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डा. सुभाष मिश्रा ने कहा, यह वायरस वायु कण एवं संक्रमित वस्तुओं को छूने से फैलता है। इसकी संक्रमण अवधि सात दिनों की होती है। बरसात कमें बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में संक्रमण तीव्र गति से प्रभावी होने का अधिक खतरा रहता है। विशेष रूप से हृदय रोग, श्वसन संबंधी रोग, लीवर रोग, किडनी रोग, डायबिटीज, एचआइवी और कैंसर से पीड़ित या ऐसे मरीज जो कि स्टेराइड की दवा का सेवन लंबे समय से कर रहे हों, उन पर अधिक खतरा बना रहता है। इसलिए सतर्कता जरूरी है। सभी अस्पतालों में इसके इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।

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