रायपुर: पं. जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कालेज (डा. भीमराव आंबेडकर अस्प्ताल) की लैब में महीनों से रिएजेंट किट नहीं है। स्थिति यह है कि लिवर फंग्सन, थायराइड, हार्मोन, स्वाइन फ्लू, सीबीसी, ट्यूमर मार्कर, किडनी व खून से जुड़ी कई तरह की जांचें बंद हो गई है। ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीजों की जांच न हो पाने से इलाज प्रभावित हो रहा है।

अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में हर दिन 2,500 से अधिक ओपीडी व गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में मरीजों के बीमारियों से जुड़ी खून, हार्मोन, हृदय, किडनी, लिवर आदि 3,000 से अधिक जांचें हर दिन होती है। किट नहीं होने से जांचें बंद हैं। ऐसे में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बाहर भेजा जा रहा है। अधिकतर मरीज जांच के अभाव में बिना इलाज के ही अस्पताल से लौट रहे हैं। मामले को लेकर माइक्रोबायोलाजी, बायोकेमिस्ट्री और पैथोलाजी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रिएजेंट किट व जांच के लिए अन्य जरूरी सामान को लेकर कई बार प्रबंधन को मांग भेजी गई है। शासन को भी स्थिति से अवगत कराया जा चुका है।

बता दें कि दवाएं, चिकित्सकीय उपकरण आदि की सप्लाई छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन (सीजीएमएससी) करता है। इसके लिए अस्पतालों के कुल बजट का 90 प्रतिशत हिस्सा सीजीएमएससी को शासन द्वारा पहले ही दे दिया जाता है। अस्पताल द्वारा दवाओं व किट को लेकर सीजीएमएससी को कई बार मांग पत्र भेजा गया है। बावजूद सीजीएमएससी द्वारा न दवाओं की आपूर्ति की जा रही है। और न जांच के लिए रिएजेंट किट की।

किट की किल्लत से जहां जांचें बंद कर दी गई हैं। दवाओं की कमी से भी अस्पताल जूझ रहा है। यहां चिकित्सकों द्वारा पर्ची तो लिखी जा रही है, लेकिन मरीजों को कई तरह की दवाएं ही नहीं मिल पा रही हैं। चिकित्सकों ने कहा कि सीजीएमएससी को शासन ने दवा आपूर्ति का जिम्मा तो सौंप दिया, लेकिन अस्पताल का बजट होने के बाद भी उनके द्वारा दवाएं उपलब्ध न कराया जाना स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है।

इधर शासकीय डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी महीनों से दवाओं की समस्या है। अस्पताल प्रबंधन ने सीजीएमएससी को 1435 तरह के दवाओं की मांग भेजी। इसमें से सीजीएमएससी ने सिर्फ 196 तरह की दवाएं दीं। इसमें भी दवाएं पर्याप्त नहीं थीं। इसका इलाज पर प्रभाव पड़ रहा है। मामले में स्वास्थ्य विभाग ने दवा की किल्लत को लेकर जानकारी तो मांगी, लेकिन मरीजों की समस्याओं का हल अब तक नहीं निकल सका है।

पं. जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कालेज के डीन डा. तृप्ति नागरिया ने कहा, रिएजेंट किट खत्म हो चुका है। इसके लिए हमने सीजीएमएससी को कई बार पत्र लिखकर मांग की है। लेकिन हमें अब तक किट उपलब्ध नहीं हो पाया है। मरीजों की परेशानियों को देखते हुए प्रशासन से लगातार हम चर्चा कर रहे हैं। उम्मीद है कि गंभीरता को समझते हुए जल्द किट उपलब्ध कराएंगे।

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