रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। स्वाइन फ्लू से पीड़ित कबीरधाम की चार वर्षीय एक बच्ची की रविवार को मौत हो गई। बच्ची निमोनिया और फेफड़े की बीमारी से भी पीड़ित थी। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि बच्ची की मौत के पीछे स्वाइन फ्लू नहीं अपितु फेफड़े की बीमारी है। इधर स्वाइन फ्लू पीड़ित बालोद के तीन वर्ष के एक अन्य बच्चे का निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। प्रदेश में 11 स्वाइन फ्लू रोगियों का इलाज चल रहा है।
बता दें कि राज्य में पिछले एक माह के भीतर स्वाईन फ्लू के 28 केस आ चुके हैं। वहीं, 100 से अधिक संदेह वाली रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गई है। फिलहाल इनकी रिपोर्ट नहीं आई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रायपुर, जगदलपुर और बिलासपुर मेडिकल कालेज व एम्स में स्वाइन फ्लू के सैंपल जांचे जा रहे हैं। रायपुर मेडिकल कालेज में किट ना होने के कारण जांच नहीं हो रही है। ऐसे में जांच के लिए आने वाले रोगियों को लौटा दिया रहा है। जबकि विभागाध्यक्ष को ही टेस्ट से जुड़ी जानकारी नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, राज्य के 11 जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं। इसमें रायपुर में नौ, धमतरी में एक, दुर्ग में सात, रायगढ़ में दो, दंतेवाड़ा में एक, बलौदाबाजार में दो, राजनांदगांव में दो, बिलासपुर में एक, बस्तर में एक समेत कुल 28 मरीज मिले हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने स्वाईन फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी प्राइवेट अस्पतालों को पत्र लिखकर मरीजों व टेस्ट की जानकारी देने को कहा है। इधर, मरीज की जानकारी न देने व अनुमति लिए बिना टेस्ट करने के लिए रायपुर के एक बड़े निजी अस्पताल को नोटिस दिया गया है।
राज्य महामारी नियंत्रण के संचालक डा. सुभाष मिश्रा ने कहा, स्वाइन फ्लू के दो नए केस आए हैं। एक बच्ची की मौत हुई है। हालांकि मृत्यु की वजह लंग से जुड़ी समस्या है। अब तक 28 केस मिल चुके हैं। लक्षणों के आधार पर अस्पतालों में मरीजों की जांच की जा रही है।